दुर्ग । 4 जनवरी को थाना भिलाई नगर से सूचना प्राप्त होने पर महिला एवं बाल विकास विभाग, चाईल्ड लाईन एवं सुपेला थाना पुलिस की टीम द्वारा बाल विवाह रोकने हेतु जानकारी प्राप्त करने टीम पहुंची थी, जानकारी के आधार पर जन्म प्रमाण पत्र और आधार कार्ड के अनुसार बालिका का उम्र 16 वर्षीय होने की जानकारी प्राप्त हुई। टीम के पहुंचने पर बालिका के परिजनों विवाह रोकने से इंकार कर दिया गया।


कलेक्टर डाॅ सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के सहयोग से बाल विवाह होने की सूचना के आधार पर परियोजना अधिकारी, जिला बाल संरक्षण अधिकारी, सामाजिक कार्यकर्ता एवं थाना सुपेला भिलाई के थाना प्रभारी के संयुक्त टीम द्वारा आज फरीद नगर भिलाई में बाल विवाह रोकने हेतु टीम विवाह स्थल पर पहुंची विवाह स्थल पहुंचकर टीम द्वारा दस्तावेज मांगने पर बालिका के परिजनों द्वारा बालिका का जन्म प्रमाण पत्र की छाया प्रति प्रस्तुत किया गया। जिसमें बालिका का जन्म तारीख जुलाई 2006 अंकित था जिसके अनुसार बालिका का उम्र लगभग 16 वर्ष होना पाया गया। जिससे बालिका नाबालिग होना पाया गया इस संबंध में पुष्टि करते हुए विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारियों ने लड़की के माता-पिता और परिजनों को समझाइश दिया कि बालिका नाबालिग है और नाबालिग का विवाह करना अथवा बाल विवाह करना सामाजिक बुराई एवं कानूनन अपराध है एवं बाल विवाह के दुष्परिणामों से अवगत कराया गया। जिस पर लड़की के माता-पिता द्वारा लड़की के बालिग होने तक विवाह स्थगित रखने एवं बालिका के बालिग होने पश्चात विवाह करने की अपनी सहमति देते हुए मौका पंचनामा पर अपने-अपने हस्ताक्षर गवाहों के समक्ष करते हुए विवाह रोकने का निर्णय लिया गया।