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धर्म संसद में गोड्से की हुई तारीफ और महात्मा गांधी को कहा गया अपशब्द: हुआ FIR दर्ज

विवाद को देखते हुए CM बघेल ने भी छोड़ा कार्यक्रम

रायपुर।छत्तीसगढ़ के रायपुर में दो दिवसीय ‘धर्म संसद’ का आयोजन किया गया था। जो रविवार को समाप्त हो गया। बता दें कि इस आयोजन में देशभर के धर्म अनुयायी, महामंडलेश्वर शामिल होने पहुंचे थे। इस आयोजन को लेकर आरोप लगाये गये हैं कि इसमें वक्ताओं ने कथित तौर पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को अपशब्द कहे और नाथूराम गोडसे की तारीफ की।

आरोप के मुताबिक इस धर्म संसद में मुख्य संरक्षक राम सुंदर महाराज ने महात्मा गांधी को लेकर अपशब्द कहे। आयोजन में 20 धर्मगुरुओं ने भाग लिया। जिसमें कुछ ने भाषण देते हुए “सनातन हिंदुओं” को खुद को हथियार देने की बात कही। वहीं उनमें से एक ने महात्मा गांधी की हत्या के लिए नाथूराम गोडसे की भी प्रशंसा की।

सीएम बघेल ने छोड़ा कार्यक्रम: हालांकि बाद में रविवार की शाम गांधी के खिलाफ बयान देने वाले ‘संत’ कालीचरण के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई। बता दें कि रायपुर में आयोजित इस दो दिवसीय धर्म संसद में शामिल होने आए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी अचानक इस कार्यक्रम से चले गए।

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‘धर्म संसद’ में दिए गए भाषणों में, धर्मगुरुओं ने “सनातन हिंदुओं” से खुद को हथियारबंद करने और हिंदू राष्ट्र की स्थापना के लिए “तैयार” होने का आग्रह किया। महाराष्ट्र के एक धार्मिक नेता ‘संत’ कालीचरण ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के खिलाफ अपमानजनक बयान दिया। उन्होंने अल्पसंख्यकों पर विभिन्न देशों की राजनीति और प्रशासन को नियंत्रित करने की कोशिश करने का आरोप लगाया।

वहीं भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने को लेकर असहमति जताते हुए स्वामी स्वरूपानंद ने इस कार्यक्रम में कहा कि जहां 30 करोड़ मुसलमान और लगभग 15 करोड़ ईसाई रहते हों, उस देश को आप क्या हिंदू राष्ट्र कहेंगे?

शिकायत दर्ज: कालीचरण महराज के बयान के बाद, संसद के संयोजक, दूधधारी मठ के प्रमुख महंत राम सुंदर दास ने इसका कड़ा विरोध किया और उन्होंने खुद को इस धर्म संसद से खुद को दूर कर लिया। उन्होंने कहा कि इसका मकसद फलदायी नहीं रहा। बता दें कि रविवार की देर रात कालीचरण के खिलाफ आईपीसी की धारा 505(2) और 294 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

वहीं एनजीओ नीलकंठ सेवा समिति और दूधधारी मठ द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में कांग्रेस नेता प्रमोद दुबे और भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल और विष्णु देव साई ने भी भाग लिया। स्वामी प्रभोदानंद गिरि, जिन्होंने पहले हरिद्वार में विवादास्पद ‘धर्म संसद’ में बयान दिया था, वो भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए।