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रिटायर्ड टीचर के नेट बैंकिंग से हुआ फ्रॉड, निकाल लिए 6.21 लाख

दो साल सिम बंद रहने पर कंपनी ने दूसरे को अलॉट की, उसने ही निकाला उसने ही दिया इस कार्य को अंजाम 

मुरैना। अगर आपका मोबाइल नंबर बैंक अकाउंट से लिंक है और बंद हो गया है तो इसकी जानकारी तुरंत अपने बैंक में दीजिए। वरना आपके साथ फ्रॉड भी हो सकता है। कुछ ऐसा ही मुरैना के रिटायर्ड टीचर के साथ हुआ। इकहरा गांव के रहने वाले तहसीलदार सिंह तोमर का दो साल पहले मोबाइल नंबर बंद हो गया। कंपनी इस नंबर की सिम किसी और को अलॉट कर दी। जिसे यह नई सिम मिली, उसके पास तोमर की बैंक के मैसेज आते रहे। जालसाज ने तोमर के खाते से ऑनलाइन बैंकिंग के जरिए अपने साथियों के अकाउंट्स में रुपए ट्रांसफर किए। ऑनलाइन ही ATM कार्ड बनवा लिया। इससे भी रुपए निकाले। 6 लाख 21 हजार रुपए निकाल लिए गए।

तोमर का स्टेट बैंक की मुख्य शाखा, मुरैना में सेविंग अकाउंट है। सैलरी इसी अकाउंट में आती थी और रिटायरमेंट के बाद पेंशन आने लगी। जिस मोबाइल नंबर पर उनका यह अकाउंट लिंक था, उसे उन्होंने इस्तेमाल करना बंद कर दिया। लंबे समय तक नंबर का यूज नहीं होने पर कंपनी ने इसे दूसरे कस्टमर के नाम जारी कर दिया।

अब हुआ ये कि जिस नए कस्टमर के नाम तोमर के नंबर की सिम जारी हुई, उसने ऑनलाइन ही नेट बैंकिंग जारी करवा ली। बैंक इसके लिए OTP (वन टाइम पासवर्ड) भेजता है। पासवर्ड इसी नंबर पर आया और कस्टमर ने इसे कन्फर्म कर दिया। इसके बाद आरोपी ने चार लोगों के अकाउंट में रुपए ट्रांसफर किए। ATM से भी दो बार में रुपए निकाल लिए। नंबर तोमर की जगह दूसरे कस्टमर को जारी हो चुका है, इस बात की जानकारी बैंक को नहीं दी गई थी। न ही ये बात रिटायर्ड टीचर को पता थी कि उनकी सिम बंद हो गई है।

साइबर सेल की जांच में पता चले चार नाम

तहसीलदार सिंह तोमर (70) श्योपुर के माध्यमिक विद्यालय में टीचर थे।। पिछले एक साल से उन्होंने खाते से रुपए नहीं निकाले थे। 12 नवंबर को वह पासबुक की एंट्री करवाने बैंक पहुंचे। तब उनके अकाउंट में सिर्फ 200 रुपए का बैलेंस था। इसके बाद ही उन्हें फ्रॉड का पता लग सका। शिकायत पर बैंक मैनेजर ने जांच की बात कही। साइबर सेल में भी शिकायत की है। साइबर सेल की जांच में पता चला है कि जिन 4 लोगों के खाते में पैसे गए हैं, उनके नाम तहरीन, शाहरुख खान, मौफिज और रुखसाना हैं। पता चला है कि पहले सिम गुना के किसी व्यक्ति के पास थी। अब यह फरीदाबाद के किसी व्यक्ति के पास है।

मुरैना में स्टेट बैंक की मुख्य शाखा ।
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                                                                मुरैना में स्टेट बैंक की मुख्य शाखा ।

दर्ज नहीं की गई FIR दर्ज
मामले में अभी रिपोर्ट दर्ज नहीं हो सकी है। दरअसल, बैंक मैनेजमेंट का कहना है कि केस तोमर को ही कराना चाहिए। वहीं, तोमर का कहना है कि रुपए हमने बैंक में जमा कराए थे, इसीलिए बैंक ही FIR कराए। उनका यह भी कहना है कि पासबुक एंट्री में, जिनके खाते में पैसा ट्रांसफर हुआ है, उसका जिक्र है, लेकिन स्टेटमेंट कॉपी में इसका उल्लेख नहीं है।

जीवन भर की कमाई थी
तोमर ने कहा कि यह उनकी जीवनभर की कमाई थी। रिटायरमेंट के समय से उन्होंने वृद्धावस्था के लिए पैसे जमा किए थे। जब बैंक में ही रुपए सुरक्षित नहीं रहेंगे, तो फिर रखने से क्या फायदा? यह पैसा वह भागवत कथा करवाने के लिए रखे थे, जो कि उनके जीवन की अंतिम इच्छा थी।

तहसीलदार सिंह द्वारा दिया गया आवेदन।
                                                           तहसीलदार सिंह द्वारा दिया गया आवेदन।

बैंक की गलती है तो वापस होंगे रुपए
बैंक मैनेजर अमित भगत का कहना है कि मामले की जांच कराई जा रही है। अगर तोमर ने किसी मोबाइल लिंक पर क्लिक किया होगा या ऑनलाइन ठगी हुई होगी, तो इसमें बैंक कुछ नहीं कर सकता। अगर बैंक की गलती से पैसा निकला है, तो बैंक वापस करेगी।

जल्द जांच पूरी कर लेंगे
हमने इस मामले की जानकारी लेकर जांच शुरु कर दी है। जल्द ही हम जांच पूरी कर लेंगे। जिन लोगों के खाते में पैसा गया है, उनकी जानकारी निकाली जाएगी। आमतौर पर ऐसे केस में जिन लोगों के खातों में पैसा ट्रांसफर किया जाता है, वे किराए पर खाते देने वाले होते हैं या फिर वे होते हैं, जिन्हें उस रैकेट के बारे में अधिक जानकारी नहीं होती है। यह लोग गरीब तबके के होते हैं, जिन्हें मोहरा बनाया जाता है।
सचिन पटेल, प्रभारी साइबर सेल, मुरैना