जबलपुर। नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल अस्पताल के डॉक्टर्स एक बार फिर देवदूत बने। उन्होंने इस बार 13 महीने की एक बच्ची को नई ज़िंदगी दी। बच्ची की सांस की नली (Wind pipe) में हरी मिर्च फंस गयी थी। ने डॉक्टरों ने उसका ऑपरेशन किया। बच्ची अब स्वस्थ है।

जबलपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल में फिर डॉक्टरों ने रूटीन से हटकर एक ऑपरेशन किया।13 महीने की एक बच्ची के गले में हरी मिर्च का टुकड़ा फंस गया था। डॉक्टरों ने उसका सफल ऑपरेशन कर दिया। ने
कई दिनों से थी परेशान
कटनी में रहने वाले दीपक रजक की 13 महीने की बेटी शनाया करीब हफ्ते भर से परेशान थी. वो लगातार रो रही थी। परिवार वाले हर संभव उपाय कर चुके थे लेकिन बच्ची को चैन नहीं मिल पा रहा था. घर वाले उसे डॉक्टर के पास लेकर गए। कई डॉक्टर्स से उसकी जांच कराई लेकिन पता ही नहीं चल पा रहा था कि बच्ची को हुआ क्या है। फिर वो भागे भागे जबलपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल आए।
सांस की नली में अटकी थी मिर्च

यहां डॉक्टरों ने बच्ची का चेकअप किया तो पता चला कि शनाया को सांस लेने में काफी परेशानी हो रही है। डॉक्टर कविता सचदेवा ने चौबीस घंटे के ऑब्जरवेशन के बाद बच्ची की एंडोस्कोपी की. उसमें पता चला कि बच्ची की श्वांसनली में कोई चीज फंसी हुई है। उसके बाद डॉक्टरों ने बच्ची का ऑपरेशन करने का फैसला किया। जब ऑपरेशन किया तो उसमें बच्ची की सांस नली में से हरे रंग का टुकड़ा फंसा मिला। जब टुकड़ा बाहर निकाला तो देखा कि वो हरी मिर्ची थी. डॉक्टर भी ये देखकर हैरान रह गए।
हर चीज मुंह में डालती है बच्ची
शनाया के पिता ने बताया कि बच्ची के दांत निकल रहे हैं इसलिए वो हर चीज उठा कर मुंह में डाल लेती है। उसे खाने की कोशिश करती है। संभवत: मिर्ची भी खाने की कोशिश की होगी और वह गले में जाकर सांस की नली में फंस गई होगी।
बच्ची को मिली नई जिंदगी
डॉक्टर्स ने सफल ऑपरेशन करके शनाया की जिंदगी बचा ली। यदि समय पर ऑपरेशन न होता तो बच्ची की जान भी जा सकती थी। यह टुकड़ा ज्यादा समय तक फंसा रहता तो बच्ची की सांस रुक सकती थी। फिलहाल बच्ची को दो दिन के लिए मेडिकल अस्पताल के बच्चा वार्ड में भर्ती रखा गया है। पूरी तरह स्वस्थ होने पर ही उसे डिस्चार्ज किया जाएगा।