बड़ी ख़बर

पुणे के केमिकल प्लांट में लगी भयंकर आग से अब तक 15 लोगों की मौत,2 लापता

पुणे । पुणे के पिरंगुट MIDC इलाके में एक सैनिटाइजर बनाने वाली फैक्ट्री में आग लगने से 13 महिलाओं समेत 15 लोगों की मौत हो गई है। घटना शाम करीब 5 बजे की है। हादसे के दौरान फैक्ट्री में 37 मजदूर काम कर रहे थे। इनमें से 20 को सुरक्षित निकाल लिया गया है। अभी भी 2 कर्मचारी फैक्ट्री के अंदर फंसे हुए हैं।बताया जा रहा है कि SVS नामक इस केमिकल फैक्ट्री में क्लोरीन डाईऑक्साइड बनाया जाता है। कोरोना संक्रमण के दौरान यहां सैनिटाइजर का प्रोडक्शन किया जा रहा था। हादसे के बाद कंपनी का मालिक भी फरार है।

मौके पर पहुंची दमकल की 3 गाड़ियों और दो दर्जन से ज्यादा फायर ब्रिगेड कर्मी उनके रेस्क्यू का काम कर रहे हैं। सैनिटाइजर में अल्कोहल की मात्रा होती है इस कारण से आग बहुत तेजी से फैल रही है। SVS केमिकल्स नाम की इस फैक्ट्री में धुंआ भरने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत आ रही है। माना जा रहा है कि धुएं की चपेट में आकर लापता मजदूर फैक्ट्री में ही बेहोश हो गए हैं।

फैक्ट्री में फंसे मजदूरों को निकालने का काम लगातार जारी है।
फैक्ट्री में फंसे मजदूरों को निकालने का काम लगातार जारी है।
cg

हालांकि अभी तक आग लगने का कारण स्पष्ट नहीं है, लेकिन माना जा रहा है कि शॉर्ट सर्किट एक बड़ी वजह हो सकती है। मुलशी के तहसीलदार अभय ने बताया कि दमकल की 3 गाड़ियों से आग बुझाने का प्रयास किया जा रहा है। मौके पर पुलिस निरीक्षक अशोक धूमल भी पहुंचे हुए हैं।

फैक्ट्री के कई हिस्सों को गिरा कर दमकल कर्मी धुएं को बाहर निकालने का प्रयास कर रहे हैं।
फैक्ट्री के कई हिस्सों को गिरा कर दमकल कर्मी धुएं को बाहर निकालने का प्रयास कर रहे हैं।

क्या है क्लोरीन डाईऑक्साइड?
क्लोरीन डाईऑक्साइड को डिस्टिल वाटर में सोडियम क्लोराइट मिलाकर तैयार किया जाता है। यह साफ-सफाई के काम आता है। नाम से ये ब्लीच या क्लोरीन के करीब लगता है। एक्स्पर्ट्स बताते हैं कि ये एक ऐसा कीटाणुनाशक है जिसका इस्तेमाल उद्योगों में किया जाता है। इसे कभी खाने या पीने के इस्तेमाल में नहीं लाना चाहिए। क्लोरीन डाईऑक्साइड पीने से गंभीर साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं और यहां तक कि जान भी जा सकती है।