बड़ी ख़बर

टावर में फांसी लगे युवक को कोरोना संक्रमण की फिक्र किए बिना टॉवर पर लटके युवक को मुंह में मुंह डालकर दी ऑक्सीजन, 5-10 मिनट में ही लौट आईं सांसें

कर्मचारी युवक को बचाने के लिए अपनी जान पर खेलने वाले फायर ब्रिगेड के तींन  कर्मचारी दैनिक वेतनभोगी के रूप में कर रहे हैं

भोपाल |कोरोना संक्रमण के दौर में जब खुद की जान बचाने के लिए मास्क लगाने के साथ दो गज की दूरी बनाए रखना जरूरी है, तब नगर निगम फायर ब्रिगेड के 3 कर्मचारियों ने गुरुवार को 50 फीट ऊपर टॉवर पर फांसी पर लटकने वाले युवक सचिन यादव के मुंह में मुंह डालकर सांसें लौटाईं। फायरमैन फिरोज खान व आसिम खान का साथ दानिश ने दिया। जब फिरोज और आसिम सचिन की सांसें लौटाने पंपिंग कर रहे थे, तब वह उसके हाथ-पांव रगड़ रहा था। 5-10 मिनट में ही उसकी सांसें लौट आईं। इसके अलावा भी यह तीनों कई जान बचा चुके हैं।

जब हमने युवक की नब्ज देखी तो चल रही थी

नगर निगम कर्मचारी दानिश, फिरोज और आसिम।
                     नगर निगम कर्मचारी दानिश, फिरोज और आसिम।
cg

फिरोज ने बताया कि मैं पुल बोगदा स्थित फायर कंट्रोल रूम पर था। दोपहर 3:15 बजे फतेहगढ़ मुख्यालय से फोन आया कि कोई भारत टॉकीज पर टॉवर पर चढ़ गया है। मैं मौके पर पहुंचा और फतेहगढ़ से दानिश व आसिम के साथ दूसरे लोग पहुंचे। देखा तो युवक फांसी लगा चुका था। हम तीनों ने एक-दूसरे को देखा, आंखों में इशारा किया और हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म के जरिए ऊपर चढ़ गए। तीनों ने युवक की नब्ज देखी तो चल रही थी। हमने उसकी गठान खोली, उसे गोदी में लिया।

आसिम से बात की और उससे पूछा कि कोरोना संक्रमण चल रहा है। मुंह में मुंह डालकर सांस देने में डर नहीं लगा? तो उनका जवाब था- हमारा काम ही खुद की जान को खतरे में डालकर दूसरों की जान बचाना है। मैंने और फिरोज ने उसकी हार्ट की पंपिंग की और उसे सीपीआर दिया, जबकि दानिश ने उसके हाथ-पांव और शरीर को रगड़ कर हमारी मदद की। फिरोज और आसिम करीब 10 साल से फायर ब्रिगेड में काम कर रहे हैं। 10 साल बाद भी दोनों अस्थायी कर्मचारी ही हैं।

दर्द; हमें न तो सम्मान मिलता है, न ही वेतन
दानिश को करीब 5 साल हुए हैं। वह हेल्पर के रूप में काम कर रहा है। फायर ब्रिगेड शाखा में होने वाली ट्रेनिंग में ही उसने रेस्क्यू ऑपरेशन सीखा है। तीनों का एक ही दर्द है कि हमें न तो सम्मान मिलता है और न वेतन। 2017 में फिरोज ने दिव्यांग की जान बचाई थी, घोषणा के बाद भी निगम प्रशासन ने उसे कोई अवॉर्ड नहीं दिया।

तीनों को नगद पुरस्कार से सम्मानित करेंगे

  • फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों ने साहस का काम किया है। तीनों को नगद पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। इन कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित करने पर भी विचार जारी है।  वीएस चौधरी कोलसानी, कमिश्नर, नगर निगम, भोपाल