जींद |किसान नेता राकेश टिकैत के जरूरत पड़ने पर फसल को आग लगा देने के बयान के बाद किसान लगातार खड़ी फसल को नष्ट कर रहे हैं। हालांकि किसान नेता फसलों को नष्ट नहीं करने का आह्वान कर रहे हैं लेकिन किसान अब मान नहीं रहे हैं। अब भारतीय किसान यूनियन गांवों में किसानों को समझाने का अभियान चलाएगी।

गुरुवार को हरियाणा के जींद जिले के ढिगाना गांव में किसान ने ढाई एकड़ व मेरहड़ा गांव में डेढ़ एकड़ खड़ी गेहूं की फसल ट्रैक्टर चलाकर नष्ट कर दी। गांव ढिगाना में किसान जगत सिंह ने कृषि कानून के विरोध में फसल पर ट्रैक्टर चला दिया। जगत सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार तीनों कृषि कानूनों पर अड़ी है। अब किसान भी अडिग है। चाहे फसल को नष्ट करना पड़े लेकिन वे सरकार को अपनी फसल का एक दाना नहीं देंगे।जगत सिंह ने बताया कि उन्होंने मात्र ढाई एकड़ जमीन में गेहूं की बिजाई की है। अब आधा एकड़ ही फसल बची है। इधर, क्षेत्र के गांव मेहरड़ा में किसान मन्नू ने कृषि कानूनों के विरोध में अपनी डेढ़ एकड़ गेहूं की फसल को ट्रैक्टर चलाकर नष्ट कर दिया। किसान ने कहा कि वह केवल अपने घर के खर्च के लिए ही गेहूं की फसल को रखेगा।
जगत सिंह ने बताया कि उन्होंने मात्र ढाई एकड़ जमीन में गेहूं की बिजाई की है। अब आधा एकड़ ही फसल बची है। इधर, क्षेत्र के गांव मेहरड़ा में किसान मन्नू ने कृषि कानूनों के विरोध में अपनी डेढ़ एकड़ गेहूं की फसल को ट्रैक्टर चलाकर नष्ट कर दिया। किसान ने कहा कि वह केवल अपने घर के खर्च के लिए ही गेहूं की फसल को रखेगा।

मेरहड़ा गांव में गेहूं की फसल नष्ट करता किसान।
मन्नू ने बताया कि उसने 40 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से जमीन ठेके पर ली है और 30 एकड़ में गेहूं की फसल की बिजाई है। वह केवल पांच एकड़ गेहूं की फसल को अपने घर के खर्च के लिए रखेगा। बाकी को नष्ट कर देगा। मन्नू ने कहा कि सरकार हठधर्मिता अपनाकर किसानों के हित के साथ खिलवाड़ कर रही है।
भाकियू नेता जसवंत पहुंचे ढिगाना
फसल नष्ट करने की सूचना मिलते ही भारतीय किसान यूनियन के नेता जसवंत ढिगाना गांव पहुंचे और उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि वे अपनी फसल नष्ट न करें। उन्होंने कहा कि किसान अपनी मेहनत से फसल तैयार करता है, इसे इस प्रकार नष्ट नहीं किया जाना चाहिए।
किसानों से किया जाएगा संवाद
लगातार फसल नष्ट करने की घटनाओं से किसान नेता आहत हैं। इसको रोकने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। इसके तहत गांव-गांव जाकर किसानों से संवाद किया जाएगा कि वे अपनी फसल को नष्ट न करें। जरूरतमंद लोगों को अनाज दिया जा सकता है। इसको लेकर योजना बनाई जाएगी। – छज्जूराम कंडेला, प्रदेश प्रवक्ता, भारतीय किसान यूनियन।