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छत्तीसगढ़ कांट्रैक्टर्स एसोसिएशन के सदस्यों ने नये रायल्टी नियमों में दिखाया आक्रोश

छत्तीसगढ़ कांट्रैक्टर्स एसोसिएशन के सदस्यों की शासन द्वारा तय रायल्टी दरों पर निर्णय लेने के लिए किया आपात  मिटिंग

वरिष्ठ ठेकेदार ने शासन को दिखाया नये राजस्व प्राप्ति की राह

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दुर्ग।  दोपहर 3:00 बजे दुर्ग के तृप्ति रेस्टोरेंट में छत्तीसगढ़ कांट्रेक्टर एसोसिएशन के सदस्यों की महत्वपूर्ण बैठक हुई इसमें प्रमुख मुद्दा था कि सरकार के द्वारा रॉयल्टी पर बढ़ता बोझ। इस कार्यक्रम में प्रदेश उपाध्यक्ष एमएस रवि ,प्रशांत ताम्रकार जिला अध्यक्ष ,शक़िल अनवर महासचिवऔर वरिष्ठ ठेकेदार आलोक शिवहरे प्रमुख रूप से उपस्थित थे। आलोक शिवहरे ने कहा कि शासन के द्वारा जो रॉयल्टी के संबंध में दिशानिर्देश जारी किए गए हैं उससे ठेकेदारों मे असंतोष व्याप्त है , उन्होंने कहा कि शासन के पास पर्याप्त मात्रा में रायल्टी पर्ची नहीं है जितना खपत होना चाहिए। उसमें से केवल एक चौथाई पर्ची ही शासन के पास उपलब्ध है ।शासन अगर शत प्रतिशत पर्ची उपलब्ध करवाती है तो ठेकेदार उसे लेने को तैयार है, 5 गुना रॉयल्टी ठेकेदार के द्वारा जमा किया जाना कहीं भी उचित नहीं है। राजस्व बढ़ाने के लिए उन्होंने शासन को सुझाव दिए उन्होंने कहा कि नगर निगम द्वारा शासन अपने राजस्व को बढ़ा सकता है ।नगर निगम मकान निर्माण की अनुमति देने के पूर्व यदि अग्रिम रूप से रायल्टी जमा कराती है तो निश्चित रूप से शासन का राजस्व बढ़ेगा ही ।ठेकेदार विभाग से मूल कार्य की रायल्टी पर घन मीटर के निर्धारित दर से कटवाता है ,ठेकेदार इस रायल्टी में कहीं भी अपनी बचत नहीं करता है ।अगर 500 वर्ग फिर से ऊपर के निर्माण में नगर निगम रायल्टी पर्ची जमा करने पर मकान निर्माताओं को भवन निर्माण की अनुमती देता है तो शासन का राजस्व में निश्चित ही वृद्धि होगी ।प्रदेश उपाध्यक्ष एमएस रवि ने कहा कि राजनीति के लिए मई 2020 में नोतिफिकेशन आया था जिसके अनुसार रॉयल्टी ₹544 गिट्टी 463 रुपए रेती ₹263 मुरम तय किया गया है लेकिन यह नोटिफिकेशन अधिकृत रूप से विभाग में दिसंबर 2020 को आया। ठेकेदार वर्तमान सामग्री की दर के अनुसार ही टेंडर भरता है आज की दिनांक से 6% राशि ठेकेदारों के जेब से निकल ही रहा है ।हमारी यह मांग है कि जिस दिन विभाग को यह नोटिफिकेशन अधिकृत उससे आया है उसके बाद ही यह बड़ी हुई रायल्टी दर लागू होना चाहिए ना कि इससे पूर्व में जमा किए टेंडर पर यह राशि थोपनी चाहिए। अंत में सभी ठेकेदारों ने एक स्वर में यह निर्णय किया कि अपनी मांगों को सबसे पहले माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सामने वे रखेंगे और यदि उनकी मांगे पूरी नहीं होती तो वे इस मामले को न्यायालय में भी ले जाने से नहीं चूकेंगे।इस कार्यक्रम विशेष रूप से छत्तीसगढ़ कांट्रेक्टर एशोसियेसन के पुर्व मन्डल अध्यक्ष गयुर सिद्धिक़ी के साथ साथ मन्डल के सभी ठेकेदार उपस्थित थे ।