मुख्यमंत्री श्री Shivraj Singh Chouhan ने रीवा जिले में ‘मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि खेती को लाभ का धंधा बनाना है। ये हमारा लक्ष्य है। विंध्य के विकास और कल्याण में मैं कोई कसर नहीं छोड़ने वाला। एयरपोर्ट के टेंडर हो गए। आज मैं गर्व के साथ कहता हूं 13 लाख हेक्टेयर में सिंचाई हो रही है। 66 हजार करोड़ की योजनाएं स्वीकृत हो रही हैं।

प्रधानमंत्री जी को मैं हृदय से धन्यवाद देता हूं 44 हजार करोड़ की केन—बेतवा योजना जोड़ने की बन गई हमारी। जल्दी ही टेंडर होंगे और लगभग 20 लाख एकड़ जमीन में सिंचाई करेंगे हम।
किसी किसान के पास गेहूं रह गया हो तो खरीदी की तारीख बढ़ाकर 31 मई कर दी है। जो आपके पास है उसे उचित मूल्य पर खरीदा जाएगा। मेरे किसान भाइयों—बहनों मैं एक अपील करना चाहता हूं।
रासायनिक खाद और किटनाशकों से हमारी धरती का स्वास्थ्य खराब हो रहा है। इससे अन्न प्रदूषित हो रहा है। इससे बीमारियां हो रही हैं।
मैं खुद इस साल 5 एकड़ जमीन में प्राकृतिक खेती करुंगा। प्राकृतिक खेती की ट्रेनिंग देने लोग आ रहे हैं। एक गाय का गोबर और गो—मूत्र तीस एकड़ जमीन के लिए पर्याप्त होता है।

इसके भरपूर फायदे हैं लागत कम होती है। पानी की जरूरत कम पड़ती है। जो फसल आती है वह बिना किसी दोष के होती है जिससे कोई रोग नहीं होगा। ज्यादा नहीं आधा एकड़ में करना।
जो किसान प्राकृतिक खेती करेगा, और इसके लिए एक गाय खरीदेगा, उसे 900 रुपए माह सरकार के खजाने से दिया जाएगा गाय के पालन के लिए। पूरे प्रदेश के किसानों से मेरा अनुरोध है प्राकृतिक खेती और फसलों के विविधीकरण के लिए।
स्वामित्व योजना, गांव के घर का रिकॉर्ड है ही नहीं। आज तीन लाख 70 हजार ऐसे गांव के भाइयों—बहनों को हम स्वामित्व का अधिकार दे रहे हैं और दो साल में पूरे मध्यप्रदेश में सबको दे देंगे, उसके आधार पर उसे लोन मिल सके, वह दूसरे काम कर सके।
मुख्यमंत्री भू—अधिकार योजना हम पंचायत के चुनाव बाद शुरू करेंगे। मध्यप्रदेश में कोई गरीब बिना जमीन के नहीं रहेगा। जनकल्याण का यज्ञ चल रहा है। ये अभियान चलेगा। कल और आज में हमने अनेक योजनाएं शुरू की हैं।
समाज के हर वर्ग का कल्याण, परशुराम जयंती पर तय किया हमारे बटुक बालकों स्कॉलरशिप दी जाएगी, ताकि वे हमारी संस्कृति को आगे बढ़ा सकें। भगवान परशुराम की जीवनी पाठ्यपुस्तकों में पढ़ाई जाएगी। सामाजिक न्याय, सामाजिक समरसता के साथ।