बुनकर अधिकारी कर्मचारी मंच सतना एवं सदगुरु कबीर सेवा संघ सोहावल के तत्वधान में विचार संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह का रंगारंग कार्यक्रम टाउन हॉल में हुआ संपन्न।


सतना-। गीता से चलता है न तो कुरान से, चलता है देश हमारा बाबा साहब के संविधान से। कुछ इन्हीं गीतों के साथ बुनकर अधिकारी कर्मचारी मंच सतना एवं सदगुरु कबीर सेवा संघ सोहावल के द्वारा विचार संगोष्ठी युवक युवती परिचय , मेधावी छात्र छात्राओं का सम्मान व देश भक्ति गीतों पर नृत्य एवं सांस्कृतिक गीत गायन का कार्यक्रम सतना के टाउन हॉल में संपन्न हुआ। कार्यक्रम में संवैधानिक राष्ट्रवाद में सदगुरु कबीर का क्या योगदान था विषय प्रमुख रहा। कार्यक्रम में विभिन्न वक्ताओं ने प्रेम एकता क्षमता किसी भी समाज को संगठित बनाए रखने के लिए आवश्यक घटक अपने पूर्वजों और ऐतिहासिक महापुरुषों के सम्मान से ही उन्नत सभी समाज का निर्माण करने वाली पीढ़ियों को मार्गदर्शन करना प्रबुद्ध वर्ग की जिम्मेदारी है। महापुरुषों अदम्य साहस व संघर्षशील जीवन की वजह से हमारे वंचित शोषित समाज को शिक्षक के जनक कहे जाने वाले ज्योतिबा फुले एवं संविधान निर्माता बाबा साहब की देन है जिससे हम आज खुले समाज में सांस ले पा रहे हैं इसलिए समाज के सभी लोगों को एक रोटी कम खाना है लेकिन बच्चों को आवश्यक रूप से शिक्षित बनाना है क्योंकि शिक्षा व शेरनी का दूध है जो पियेगा वही दहाड़ेगा । कार्यक्रम में मुख्य अतिथि संत श्री सनाथ साहेब महंत सदगुरु कबीर सेवा संस्थान रीवा व माननीय जीपी कबीरपंथी पूर्व आईएएस , कबीर विचारक डॉक्टर कीर्ति तंतुवाय कृषि वैज्ञानिक एग्रीकल्चर विश्वविद्यालय जबलपुर ,खेमराज कबीर बैंक मैनेजर केनरा बैंक झांसी उत्तर प्रदेश ,भोलानाथ भूलकर पूर्व विकास खंड शिक्षा अधिकारी, राज कुमार बुनकर सहायक संचालक उद्यान छिंदवाड़ा , विनय साहेब महंत ,डॉ स्वदेश वर्मा शिशु रोग विशेषज्ञ भोपाल। कार्यक्रम की अध्यक्षता रामकृष्ण तंतुवाय वरिष्ठ समाजसेवी, प्रस्तावना अशोक बुनकर, कार्यक्रम परिचय स्वामी दीन बुनकर एवं संचालन कमलेश कबीर जामेंद्र बुनकर एवं डॉ सुरेंद्र कुमार बुनकर ने की।
कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए आसपास के जिलों के समाजसेवी व प्रबुद्ध जन पहुंचे थे जिसमें मूलचंद बुनकर सोहावल ,डॉ राम खेलावन बुनकर,पंकज बुनकर ,राजू बुनकर ,रमेश बुनकर, जयप्रकाश बुनकर ,दीपक बुनकर ,श्रीमती शकुंतला बुनकर एवं काफी संख्या में समाजसेवी व अधिकारी कर्मचारी वर्ग उपस्थित थे।