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समुंदर में उतरो, तो मोती लेकर ही निकलो- कलेक्टर अनुराग वर्मा

  • उत्तल लेंस की तरह अपनी पूरी ऊर्जा लक्ष्य पर केन्द्रित करें- धर्मवीर सिंह
  • प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग ले रही बेटियो को कलेक्टर, एसपी ने दिये कैरियर सफलता के टिप्स

सतना[म.प्र.]। महिला बाल विकास विभाग द्वारा ‘‘बेटी बचाओ’बेटी पढ़ाओ’’ अभियान के अंतर्गत सशक्त वाहिनी में वर्ष 2017 से मेधावी बालिकाओं को प्रशासनिक क्षेत्र में कैरियर बनाने निःशुल्क कोचिंग दी जा रही है। कैरियर बनाने के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही इन्हीं बालिकाओं के बीच कलेक्टर अनुराग वर्मा, पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह और सीईओ जिला पंचायत डॉ परीक्षित राव शुक्रवार को कक्षा में पहुंचे और बालिकाओं को कैरियर में सफलता के टिप्स दिए। भारतीय प्रशासनिक सेवा और भारतीय पुलिस सेवा के इन तीनों अधिकारियों ने प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रही बालिकाओं के जिज्ञासा भरे प्रश्नों का बड़ी सहजता के साथ समाधान किया। इस मौके पर जिला कार्यक्रम अधिकारी सौरभ सिंह, सहायक संचालक एवं योजना प्रभारी श्याम किशोर द्विवेदी और ट्रेनर पूजा सोनी भी उपस्थित रहे।

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कलेक्टर अनुराग वर्मा ने बालिकाओं का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हमें अपनी क्षमताओं का आकलन जरूरी होता है। लंबा लक्ष्य तय नहीं करें कि उसे प्राप्त नहीं किया जा सके। कैरियर बनाने में असफलताएं भी मिलती हैं, इससे निराश नहीं होना चाहिए। बल्कि अधिक ऊर्जा के साथ असफलता जन्य कमियों में सुधार लाकर पुनः प्रयास करना चाहिए। अपनी परिस्थिति और सामर्थ्य के अनुरूप लक्ष्य को चुने और किसी दूसरे से तुलना नहीं करें।
संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा के संबंध में जानकारी देते हुए कलेक्टर ने कहा कि उच्च परीक्षा में प्रतियोगिता अत्यंत कठिन होती है। इस परीक्षा में किसी एक सेक्टर में नहीं, बल्कि हर विषय क्षेत्र की जानकारी रखनी होती है। उन्होंने कहा कि जीवन काल में यह समय वेरिएशन का होता है, मन सभी तरफ भागता है। अपनी संपूर्ण ऊर्जा एक जगह पर केंद्रित कर उसका सदुपयोग करना है। कलेक्टर ने कहा कि ‘‘समुंदर में उतरो ही नहीं, यदि उतरो तो मोती लेकर ही निकलो’’। इस सूत्र वाक्य को अपनाकर कड़ी मेहनत करें तो सफलता सुनिश्चित होती है।
पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह ने कहा कि ऐसा कोई लक्ष्य नहीं है, जिस पर पूर्ण एकाग्र होकर संपूर्ण ऊर्जा लगाएं और वह प्राप्त नहीं हो। उन्होंने कहा की प्रतियोगिता को बीच में नहीं छोड़े। जीवन के यह 4 साल अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। उत्तल लेंस की तरह अपनी उर्जा को केंद्रित कर लक्ष्य पर फोकस करें। उन्होंने कहा कि मेहनत और तैयारी के शॉर्टकट नहीं अपनायें, आत्मविश्वास से भरपूर रहें। यह आत्मविश्वास अनुशासन से आएगा। हर छात्र की किसी एक विषय क्षेत्र पर विशेष पकड़ होती है, इसमें सबसे बेहतर परफॉर्मेंस करें। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि पुलिस विभाग में अपने प्रदेश में व्यापक भर्तियां होने वाली हैं। तकनीकी ज्ञान के लिए कंप्यूटर फ्रेंडली बने। उन्होंने कहा कि जॉब मिलने से व्यक्ति के जीवन और रहन-सहन में व्यापक बदलाव आता है। अच्छी मेहनत करके इस परिवर्तन के ध्वज वाहक बने।

आईएएस अधिकारी डॉ परीक्षित राव ने संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा के विभिन्न चरणों एवं प्रतियोगिताओं की तैयारी में टाइम मैनेजमेंट के बारे में बताते हुये कहा कि लांग टाइम प्लानिंग के बजाय शॉर्ट टर्म प्लानिंग करें। उपयुक्त किताबों और लेखकों की जानकारी देते हुये डॉ राव ने कहा कि अच्छी किताबों का चयन करें, फिर उसका रिवीजन करें। असफलतायें सभी को मिलती है, इनसे घबराना नहीं चाहिये। बल्कि इसके कारणों को ढूंढ़कर उन कमियों में सुधार लाते हुये आगे बढ़ना चाहिये। कलेक्टर अनुराग वर्मा और पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह ने बालिकाओं को ट्रेनिंग किट के रुप में प्रतियोगी परीक्षाओं के लिये पुस्तके, नोटबुक भी प्रदान की। योजना प्रभारी श्याम किशोर द्विवेदी ने बताया कि बालिकाओं के लिये कैरियर बनाने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिये वर्ष 2017 से मेधावी छात्राओं को कोचिंग दी जा रही है। वर्तमान कोचिंग सत्र में 100 बालिकाओं के लक्ष्य के विरुद्ध 70 बालिकायें प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं।