नई दिल्ली:दुनिया भर में फैले खतरनाक कोरोना वायरस की पहचान अब सेना के प्रशिक्षित कुत्ते करेंगे। सेना ने अपने डॉग स्केवडर्न को कोरोना की जांच करने के लिए प्रशिक्षित किया है। भारतीय सेना के कुत्ते पसीने और मूत्र के नमूनों को सूंघकर कुछ ही सेकेंड में यह बता देंगे कि कोरोना की रिपोर्ट क्या है। अब तक करीब 3800 जवानों की जांच हो चुकी है जिसमें से 22 कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। दिल्ली और चंडीगढ़ में इन के द्वारा जांच की जा रही है।


कुत्ते कैसे करते हैं जांच ?
प्रशिक्षित कुत्ते पसीना और यूरिन को सूंघकर बात देते हैं कि कौन का सैम्पल पॉजिटिव है। भारतीय सेना ने कोरोना टेस्टिंग का डेमो करके दिखाया जिसमे अलग अलग डब्बे में निगेटिव और पॉजिटिव सैम्पल रख दिए। फिर प्रशिक्षित कुत्तों को जांच करने के लिए छोड़ा गया। जिस डब्बे में पॉजिटिव सैंपल था, वहां पर ये कुत्ते बैठ गए। हालांकि कोरोना जांच करने के बाद इन कुत्तों को आइसोलेट कर दिया जाता है, ताकि संक्रमण कहीं और न फैले।
10 कुत्तों को दिया जा रहा है प्रशिक्षण
भारतीय सेना ने इस काम के लिए 10 कुत्तों को प्रशिक्षण देना शुरू किया है। दो कुत्ते पूरी तरह से प्रशिक्षित होकर कोरोना की जांच कर रहे हैं, जबकि 8 कुत्तों की ट्रेनिंग अभी भी चल रही है। इन्हें प्रशिक्षित करने में 16 हप्ताह का समय लगा है।
इन देशों में पहले से प्रशिक्षण शुरू
ब्रिटेन, फिनलैंड, रूस, फ्रांस, यूएई, जर्मनी, लेबनान जैसे विभिन्न देशों ने पहले ही हवाई अड्डों और रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की कोरोना जांच का पता लगाने के लिए कुत्तों को प्रशिक्षित करना शुरू कर दिया है। यह पहली बार है जब भारत में कोरोना के मामले का पता लगाने के लिए कुत्तों का उपयोग हो रहा है, लेकिन अभी यह सेना तक ही सीमित है।