आयुष्मान योजना का लाभ नहीं मिलने से 12 घंटो तक नहीं मिली लाश
गरियाबंद। सरकार की स्वास्थ्य योजनाएं कितनी सही हैं और जरूरतमंदों को इनका कितना फायदा मिल रहा है, इस पर एक बार फिर सवालिया निशान खड़ा हो गया है। रायपुर जिले के एक निजी अस्पताल में महिला और उसके बच्चे की प्रसव के दौरान मौत हो गयी। परिजनों को कर्ज लेकर अस्पताल का बिल चुकाना पड़ा। आरोप है कि पीड़ित परिवार को सरकारी योजनाओं का लाभ नही मिल पाया। वही अस्पताल प्रबंधन ने भी इस मामले में खुद को बेबस बताया है।दरअसल गरियाबंद जिले में कांग्रेस की पोस्टर लेडी के नाम से मशहूर कुल्हाड़ीघाट निवासी बल्दीबाई की बहू और बच्चे की प्रसव के दौरान बीती रात अभनपुर के एक निजी अस्पताल में मौत हो गयी। परिजनो के मुताबिक स्वास्थ्य योजना का लाभ लेने के लिए उन्होंने अस्पताल में राशनकार्ड जैसे जरूरी दस्तावेज जमा किए थे मगर उसके बाद भी उन्हें आयुष्मान योजना का लाभ नही मिल पाया। परिजनों को तकरीबन 12 घण्टे लाश के साथ अस्पताल में गुजारने पड़े। आज दोपहर 12 बजे परिजनो ने कर्ज लेकर रकम का इंतजाम किया और अस्पताल में इलाज का बिल जमा कराया। तब कही जाकर परिजन शव लेकर अपने घर के लिए रवाना हुए।अस्पताल के डॉक्टर प्रज्जवल सोनी ने भी स्वीकार किया कि पीड़ित परिवार को आयुष्मान योजना का लाभ नही मिल पाया। उन्होंने बताया कि पीड़िता को कल देर रात अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तब तक आयुष्मान योजना का कार्यभार देखने वाले कर्मचारी अस्पताल से जा चुके थे। पीड़िता की रात में ही मौत हो गयी। इसलिए उनका नाम योजना के लिए दर्ज नही किया जा सका और पीड़ित परिवार को योजना के लाभ से महरूम होना पड़ा।डॉ सोनी ने बताया कि आयुष्मान योजना का कार्यभार देखने वाले कर्मचारी अस्पताल में शाम 5 बजे तक ही बैठते है। शासन द्वारा रात के लिए कोई व्यवस्था नही की गई है। जिसके चलते पीड़ित परिवार को योजना का लाभ नही मिल पाया। उन्होंने बताया कि ऐसी परिस्थितियों में वे अक्सर पीड़ित परिवार को लाभ दिलाने के लिए अगले दिन योजना में दर्ज करते है। मगर इस मामले में पीड़िता की रात में ही मौत हो गयी इसलिए उनका नाम अगले दिन दर्ज नही किया जा सकता था। और पीड़ित परिवार लाभ से वंचित रह गया।

