नागौर। राजस्थान के नागौर के जिले रूण गांव में एक अजीब संयोग सामने आया है। यहां 58 साल लंबा दाम्पत्य जीवन साथ बिताने के बाद पति-पत्नी ने एक साथ ही दुनिया को अलविदा कह दिया। रूण गांव में इस जोड़े के प्रेम की मिसाल दी जाती थी. पति-पत्नी के इस अटूट प्रेम से लोग आश्चर्यचकित हैं। पति-पत्नी दोनों का एक ही चिता पर अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार की सभी रस्में उनकी दोनों बेटियों ने निभाई और मुखाग्नि दी।

रूण गांव के रहने वाले 78 साल के राणाराम सेन को सांस की तकलीफ थी। इलाज के लिए उन्हें पहले नागौर और फिर जोधपुर ले जाया गया. लेकिन रविवार सुबह जोधपुर में उनकी मौत हो गई। उसके बाद सुबह 8 बजे राणाराम का शव रूण गांव स्थित उनके घर लाया गया। पत्नी भंवरी देवी ने जैसे ही पति का शव देखा वह सदमा बर्दाश्त नहीं कर पाईं और उन्होंने भी दुनिया छोड़ दी।

सौभाग्यशाली मान रहे हैं लोग
रूण गांव के लोग इस जोड़े को सौभाग्यशाली मान रहे हैं। उनकी अंतिम विदाई की चर्चा गांव में हर तरफ हो रही है. हर कोई कह रहा है कि ऐसे लोग सौभाग्यशाली होते हैं जो इतना लंबा दाम्पत्य जीवन एक साथ बिताने के बाद एक साथ ही रुखसत होते हैं। राणाराम सेन गांव के ही शनिदेव मंदिर में पूजा पाठ करते थे। वे धार्मिक प्रवृति के थे। पति-पत्नी दोनों में अथाह प्रेम था। राणाराम और भंवरी देवी पिछले 58 साल से एक साथ रह रहे थे।
बेटियों ने निभाया फर्ज
राणाराम और भंवरीदेवी के दो बेटियां हैं. दोनों की शादी हो चुकी है. मां-बाप का एक साथ दुनिया छोड़ने पर दोनों बेटियां काफी दुखी हैं. उन्होंने माता-पिता के अर्थी को कंधा दिया. एक ही चिता पर माता-पिता को मुखाग्नि दी. बैंड बाजे के साथ दोनों की अंतिम यात्रा निकाली गई. उसमें पूरा गांव शामिल हुआ. बेटियों के फर्ज को देख गांव वालों ने कहा कि जिसकी ऐसी बेटियां हैं उन्हें और क्या चाहिए.
हमेशा एक-दूसरे का ख्याल रखते थे
ग्रामीणों के मुताबिक राणाराम और भंवरी देवी भाग्यशाली थे. दोनों में अटूट प्रेम था। दोनों एक साथ ही रहते थे। हमेशा एक-दूसरे का ख्याल रखते थे। अब दोनों ने एक साथ दुनिया छोड़ी है। उनके जाने से आस-पास काफी सूना हो गया है। शनिदेव मंदिर में भी उनकी कमी महसूस की जाएगी।