*अधिवक्ता की बुजुर्ग माँ ने आयोग के समक्ष की लिखित शिकायत
*-दो प्रकरण में आयोग की ओर से तीन काउंसलर नियुक्त
दुर्ग ।छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती डॉ. किरणमई नायक ने आज जिला पंचायत के सभा कक्ष में दुर्ग जिले से प्राप्त प्रकरणों की सुनवाई की। प्राप्त प्रकरणों में महिला आवेदक ने आयोग के समक्ष अपनी समस्या रखी, जिसमें उन्होंने बताया कि अपने पति के मृत्यु के पश्चात वो अपना जीवन निर्वाह अपने पति के जमा पूंजी से एफडी कराकर कर रही थी, जिसका संचालन उसके पुत्र के द्वारा किया जा रहा था। आवेदक के पति वर्ष 2010 में बीएसपी से सेवानिवृत्त हुए थे। जिसमें उन्हें 25 लाख की राशि प्राप्त हुई थी। जिसमें से 9 लाख की राशि पोस्ट आफिस में और 15 लाख रुपये की राशि स्टेट बैंक में फिक्स डिपाजिट की गई थी अर्थात कुल 24 लाख रुपये का फिक्स डिपाजिट था। दोनों फिक्स डिपाजिट से प्रतिमाह 16 हजार रुपये का ब्याज मिलता था। आवेदक ने आगे बताया कि अनावेदक के द्वारा उसे प्रतिमाह 10 हजार रुपये की राशि दी जाती थी परंतु वर्तमान में अनावेदक के द्वारा उसे कोई राशि प्रदान नही की जा रही है और अनावेदक उन्हें उनके फिक्स डिपाजिट से संबंधित कागजात भी मुहैया नही करा रहा है।
अनावेदक का कथन है 15 लाख रुपये की राशि उसके संज्ञान में है। जिसका संचालन वो 2015 से स्वयं कर रहा था। फिर उस राशि को उसने निकालकर आवेदक के नाम पर मेन पोस्ट ऑफिस में सीनियर सिटीजन के रूप में जमा कराया था। इसके साथ ही अनावेदक का कथन है कि दुर्ग पोस्ट आफिस से आवेदक ने 15 लाख रूपये निकाल लिया है। अनावेदक ने बताया है कि उक्त खाता ज्वांइट खाता नहीं है लेकिन नॉमिनी में नाम उसी का है। आयोग व्दारा पुछने पर अनावेदक ने पास बुक की कॉपी आयोग को मुहैया कराई जिसमें 15 लाख की राशि जिसका आहरण हो चुका है, का विवरण प्राप्त हुआ। वर्तमान में यह खाता संचालित नही है।
