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पानी के टैंकर में छिपाकर 60 लाख का गांजा ले जा रहे थे झांसी

रायपुर से लाए थे गांजा:3 जिलों की पुलिस की चकमा देकर चिल्फी तक पहुंचे

कवर्धा । रायपुर से पानी टैंकर में 60.26 लाख रुपए का गांजा छिपाकर झांसी (उप्र) जा रहे दो अंतरराज्यीय तस्करों को चिल्फी पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार किया है। रायपुर, बलौदाबाजार और बेमेतरा जिले की पुलिस को चमका देकर तस्कर चिल्फी तक पहुंचे थे। यह पहली बार है जब ट्रैक्टर व टैंकर में गांजा तस्करी पकड़ी गई।

पुलिस के मुताबिक पकड़े गए आरोपी दिनेश पिता टिल्लू बढ़ई (27) ग्राम इमलिया जिला झांसी (उप्र) और नंदराम पिता बाबूलाल बढ़ई (25) ग्राम चंदोली जिला झांसी (उप्र) का रहने वाला है। ये दोनों बिना नंबर वाली ट्रैक्टर टैंकर में रायपुर से 3 क्विंटल 1 किलो (301 किलो) गांजा को टैंकर के अंदर छिपाकर ला रहे थे। इसे झांसी (उप्र) में खपाया जाना था। छग व मध्यप्रदेश की सीमा पर तैनात चिल्फी पुलिस ने ट्रैक्टर टैंकर को चेकिंग के लिए रोका। तलाशी लेने पर टैंकर के भीतर 3 क्विंटल से ज्यादा गांजा बरामद किया गया। जब्त गांजा की कीमत 60.26 लाख रुपए बताई जा रही है।

पुलिस को चकमा देने नए-नए पैंतरे अपना रहे तस्कर
ओडिशा से सुकमा और महासमुंद के रास्ता गांजे की खेप छग में पहुंच रहा है। पुलिस को चमका देने के लिए तस्कर नए- नए पैंतरे अपना रहे हैं। पहले बैग में छिपाकर गांजा सप्लाई करते थे, अब ट्रकों, पिकअप में गुप्त चेंबर बनाकर कभी सब्जिया, तो कभी अन्य सामान परिवहन की आड़ में तस्करी को अंजाम दे रहे हैं। पहली बार गांजा तस्करी में पानी टैंकर का इस्तेमाल किया गया। इन मामलों के अध्ययन से पता चला है कि ओडिशा से छग के सुकमा, जगदलपुर, महासमुंद और रायपुर के रास्ते गांजा कवर्धा पहुंच रहा है। पकड़े गए मामलों में यह बात भी सामने आई है कि ओडिशा के मलकानगिरी, गंजाम, कोरापुट और झारसुगड़ा क्षेत्र से गांजा यहां पहुंचता है। कवर्धा के रास्ते भेजे जाने वाला ज्यादातर गांजा मध्यप्रदेश के जिला जबलपुर, सतना, उत्तरप्रदेश के झांसी, नोयडा, दिल्ली, हरियाणा और गुजरात सप्लाई के लिए होता है। गांजे को ठिकाने पर पहुंचाने वाले तस्करों को नशे के सौदागर सिर्फ संबंधित व्यक्ति का मोबाइल नंबर देते हैं। ये नंबर भी वन टाइम के लिए होता है। तस्करों काे सिर्फ गांजा एक राज्य से दूसरे राज्य के बॉर्डर पार कराने का होता है। यही कारण है कि आज तक गांजा तस्करी के बड़े सौदागर हाथ नहीं लगे।

भीतर गुप्त चेंबर बना था, पहली नजर में पुलिस भी धोखा खा गई
चिल्फी थाने के प्रभारी बृजेश सिन्हा बताते हैं कि पानी टैंकर के भीतर गुप्त चेंबर बना हुआ था। टैंकर के भीतर लोहे की चादर से वेल्डिंग कर पार्टीशन बना था। इसके एक तरफ गांजा छिपाया था और दूसरी तरफ खाली था। टैंकर के ऊपर गोल ढक्कन है। चेकिंग के दौरान झांककर देखने पर पहली नजर में पुलिस भी धोखा खा गई। डंडे से जब टैंकर को ठोक- पीटकर देखा, तब पुलिस को शक हुआ।

तीन दिन पहले ही चिल्फी से होकर गुजरा था यह टैंकर
रायपुर- जबलपुर नेशनल हाईवे पर सड़क का काम चल रहा है। निर्माण में पानी टैंकर भी लगे हैं, जो बाॅर्डर से आना- जाना करते रहते हैं। लेकिन जिस ट्रैक्टर टैंकर में गांजा बरामद हुआ, वह 3 दिन पहले ही चिल्फी से होकर गुजरा था। 3 दिन ट्रैक्टर टैंकर की वापसी हुई। बॉर्डर पर तैनात जवानों ने पूछताछ की, तो तस्कर घबरा गए और गाेलमोल जवाब देते हए गुमराह करने लगे।