मुजफ्फरपुर । मोतियाबिंद के ऑपरेशन में आपराधिक लापवाही ने मुजफ्फरपुर में दर्जनों लोगों के आंख की रौशनी छीन ली और 15 लोगों के बह चुके आंख को निकालना प़ड़ा। मुजफ्फरपुर आई हॉस्पीटल की इस करतूत पर देश भर में सनसनी फैल गयी और इसे आंखफोड़वा कांड बताया जा रहा है। इस मामले में सरकार की ओर से बड़ी कार्रवाई की गयी है। प्रशासन नेमुजफ्फरपुर आई हॉस्पीटल को सील कर दिया है।


मुजफ्फरपुर के चर्चित ऑंखफोड़वा कांड में बड़ी कार्रवाई की गयी है। जिला प्रशासन और पुलिस की टीम जुरन छपरा स्थित मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल को सील कर दिया है। शनिवार की दोपहर पुलिस और प्रशासन की टीम आई हॉस्पीटल में पहुंची। पुलिस के साथ मजिस्ट्रेट को भी तैनात किया गया था। मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में हॉस्पिटल के ऑपरेशन थिएयर, दवा दुकान और कार्यालय को सील कर दिया गया।
अधिकारियों की मौजूदगी में इनमें ताला बंद किया गया और लाल कपड़ा बांधकर बजाब्ता प्रशासन की मूहर का ठप्पा लगा दिया गया। सरकार की इस कार्रवाई से हड़कम्प मच गया है। कार्रवाई के वक्त लोगों की काफी भीड़ जुट गई। काफी संख्या में पुलिस बल होने के कारण भीड़ को कंट्रोल किया जा सका। टीम में शामिल अपर एसडीएम मनीषा और नगर डीएसपी रामनरेश पासवान मौजूद रहे।
डीएसपी ने बताया कि उपर के निर्देश के अनुसार इसे सील कर दिया गया है। आगे की कार्रवाई की जा रही है। असप्ताल संचालक और डॉक्टर पर दर्ज के सम्बंध में रामनरेश पासवान ने बताया कि नियम संगत कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि एफआईआर में तर्कसंगत और कानून सम्मत धाराएं लगाई गयी हैं। इसी अनुसार पुलिस जांच कर रही है।
नगर डीएसपी ने बताया कि ऑपरेशन थिएटर और दवा दुकान को सील किया गया ताकि विशेषज्ञ जांच से पहले कोई छेड़छाड़ नही किया जा सके। है। ताकि जांच में संक्रमण के कारणों का सही पता चल सकेगा। सील होने से यह स्थल सुरक्षित हो गया है। कोई इसमे रखे सामानों से छेड़छाड़ नहीं कर सकेगा। इससे एक्सपर्ट टीम को ठोस साक्ष्य हाथ लग सकते हैं। बता दें कि शुरुआत में ही आई हॉस्पिटल से जांच के लिए कुछ नमूने एकत्र कर एसकेएमसीए के लैब में भेजे गए थे। जिसकी जांच अभी चल रही है।
डॉक्टरों का कहना है कि संक्रमण के इन्हीं जगहों सर फैलने की फैला है इसलिए इन जगहों की सील गया है। मुजफ्फरपुर पहुंची राज्य स्तरीय टीम की जांच में भी माना था कि संक्रमण इन्हीं जगहों से फैला होगा। हालांकि अबतक माइक्रो बायोलॉजी रिपोर्ट नहीं आयी है। लेकिन, अंदर ही अंदर चर्चा है कि रिपोर्ट में संक्रमण की बात ही है। मरीजों को दी गयी दवा के भी खराब होने की बात सामने आई है। बीते 22 नवम्बर को इस आई ह़ॉस्पीटल में एक डॉक्टर ने कुछ घंटों में 65 मरीजों के मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया था। उनमें से 24 एक आँख से अंधे हो गये और 15 की आँख निकालनी पड़ी।