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वह कमाल है विदेश में था युवक और हरदोई में लग गया टीका

कोरोना रोधी टीकाकरण अभियान का रिकॉर्ड बनाने में अफसरों ने फर्जीवाड़ा कर दिया। हरदोई के शाहाबाद के रहने वाले एक युवक को ऐसी तारीख में कोरोना टीका लगा दिखा दिया गया, जब वह भारत में था ही नहीं। वह सऊदी अरब में मौजूद था, लेकिन इसके बाद उसके नाम का टीकाकरण हो गया। अब पूरे मामले पर अफसर लीपापोती की कवायद में लगे हैं।

हरदोई। कोरोना  रोधी टीकाकरण  अभियान का रिकॉर्ड बनाने के चक्कर में स्वास्थ्य महकमे के जिम्मेदारों ने बड़ी धांधली की है। हरदोई  के शाहाबाद के रहने वाले युवक को टीका ऐसी तारीख में लगा दिखा दिया जब वह भारत में था ही नहीं। वह सऊदी अरब में मौजूद था। लेकिन इसके बाद उसके नाम का टीकाकरण हो गया।अब पूरे मामले पर अफसर लीपापोती की कवायद में लगे हैं।

शाहाबाद कस्बे के मोहल्ला खेड़ा निवासी अफसर अली (34) अरब के रियाद शहर में इलेक्ट्रीशियन थे। रियाद में उन्होंने चार अप्रैल को कोरोना रोधी पहली डोज लगवाई थी। इसके सारे आवश्यक अभिलेख भी अफसर अली के पास हैं। छह जून को अफसर अली अरब से वापस भारत आ गए. बीस सितंबर को उन्होंने जिला महिला चिकित्सालय में कोरोनारोधी टीके की दूसरी डोज लगवाई।

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दूसरी डोज लगने के बाद जब अफसर अली को टीकाकरण पूर्ण होने का प्रमाण पत्र दिया गया, तो वह भी सकते में आ गया। टीके की पहली डोज का उल्लेख भी इस प्रमाण पत्र में था. प्रमाण पत्र के मुताबिक उसे सात मई 2021 को जिला महिला चिकित्सालय में कोरोना रोधी पहला टीका लगा दिखाया गया, जबकि सात मई को अफसर अरब के रियाद शहर में था।

एक मामला यह भी

बावन कस्बे के निवासी विवेक त्रिवेदी 37 वर्ष के हैं। उन्हें कोरोना रोधी टीके की पहली डोज 19 जून 2021 को लगाई गई थी. दूसरी डोज उन्होंने जिला महिला चिकित्सालय में 13 नवंबर को ली. इसका मैनुअल कार्ड भी उनके पास है, लेकिन कोविड टीकाकरण पोर्टल से टीकाकरण संबंधी जो प्रमाण पत्र जारी हुआ। उसमें दूसरी डोज तीस सितंबर को लगाना दर्शाया गया है. यह भी उल्लेख है कि उसका टीकाकरण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बावन में हुआ।