दबंग प्रहरी ब्रेकिंग न्यूज़ – एसबीआई भिलाई सेक्टर 1 में एसबीआई क्रेडिट कार्ड से गरीब से 91,170 रुपये की ठगी
क्या यह सच है, एसबीआई क्रेडिट कार्ड के कर्मचारी इना-मीना-डीका हैं फ्राड में शामिल !
आप यह देखकर अचरज में होंगे कि यह इना मीना डीका आखिर हैं कौन। जी हां यह इना मीना डीका के बारे में कुछ दशक पूर्व फिल्म बनी थी। जिन्हें इस फिल्म में फ्राड करते दिखाया गया था। इस लिए इस फ्राड के केस को हम इना मीना डीका का नाम दे रहे हैं। ये है इना मतलब निधि ,मीना मतलब अंकिता और डीका मतलब बरुन | ये दोनों एसबीआई क्रेडिट कार्ड के कर्मचारी और एक बरुन एसबीआई क्रेडिट कार्ड का ब्रांच मैनेजर है | हमारे पाठक हमारी बात को स्पष्ट समझेंगे, यह आशा है।
भिलाई/दुर्ग। एसबीआई यानी भारतीय स्टेट बैंक। यह है विश्वसनियता का प्रतीक। इस नाम ने अपने कई पहचान और मुकाम बनाए हैं। जिस पर सभी गौरवान्वित होते हैं लेकिन इसी एसबीआई के क्रेडिट कार्ड शाखा ने जो काम किया है वह बेहद निदंनीय और घृनित हैं। यह बात जानकार शायद ही लोग एसबीआई के्रडिट कार्ड की विश्वसनियता पर भरोसा कर पायेंगे।
न्यू कृष्णा नगर सुपेला भिलाई निवासी सीधे साधे व्यक्ति दया सागर शुक्ला ने आईजी दुर्ग को लिखित शिकायत करते हुए कहा है कि उनके के्रडिट कार्ड से 91170 रुपए उनके बिना जानकारी से चुप चाप निकाल लिए हैं और इस मामले में सीधे सीधे उन्होंने एसबीआई सेक्टर-1 मुख्य ब्रांच के के्रडिट कार्ड शाखा में बैठने वाली अंकिता, निधि और के्रडिट कार्ड के ब्रांच मैनेजर वरूण पर ठगी किए जाने का आरोप लगाया है।
मामला यह है
दया सागर शुक्ला का एसबीआई सेक्टर-1 में खाता था। जहां के्रडिट कार्ड के कर्मचारी अंकिता ने उन्हें बार-बार फोनकर अपने आॅफिस आने पर जोर दिया और कहा कि आपके नहीं आने पर सर नाराज हो रहे हैं। आप शीघ्र आकर मिलिए। बैंक में जाने पर अंकिता ने कहा कि आपके नाम का के्रडिट कार्ड बनाने का लिस्ट आया है। आप फार्म में हस्ताक्षर किजीए। दया सागर के पूछने पर कि उन्हें मेरा नंबर कैसे मिला। उन्होंने कहा कि बैंक से सारी जानकारी मिलती रहती है। बार-बार मना करने पर अंकिता ने कहा कि ऐसा करना जरूरी है। छोटी राशि का आप के्रडिट कार्ड बनवा लिजीए। साथ ही यह भी कहा कि कोई चार्ज नहीं लगेगा। आप इसे बाद में बंद कर दीजिएगा। लेकिन जब हमें क्रेडिट कार्ड मिला और उस कार्ड का चार्ज 3600 रुपए कस्टमर केयर से फोन कर मांगा तो दया सागर ने मना किया। और अंकिता से जाकर मिला। अंकिता से मिलने के बाद दया सागर को पता चला कि उनका बड़े लिमिट का कार्ड बनवा दिया गया है। तब अंकिता ने कहा कि इस कार्ड को रहने दो, हम इसे बंद करवाकर छोटी लिमिट का कार्ड बनवा देंगे। अंकिता ने कहा कि क्रेडिट कार्ड का फोटो मुझे वाट्सअप पर भेज देना। तब उसके बातों में आकर पीड़ित दया सागर ने अपने कार्ड का फोटो खिंचकर उसे अंकिता के वाट्सअप में 18 अक्टूबर सुबह 9.59 बजे भेज दिया।

अंकिता को भेजा गया मैसेज
फिर उसी दिन 18 अक्टूबर की सुबह अंकिता से फोन पर बात हुई। अंकिता को मैंने कहा कि कस्टमर केयर वाले 3600 रुपए की मांग कर रहे हैं। आपने कहा था कि यह निशुल्क है कोई चार्ज नहीं लगेगा। तब अंकिता ने कहा कि आप मुझे कार्ड का फोटो खिंचकर वाट्सअप कर दिजीए, मैं देख लेती हूं। आप आफिस में आकर मिल लिजिए गा। आज में छुट्टी में हूं। आफिस में वहां पर जाकर ब्रांच मैनेजर से स्वप्नील वाल्दे से मुलाकात किया। उसने हमें क्रेडिट कार्ड शखा में निधि से मिलने कहा। निधि ने कहा कि आज अंकिता का छुट्टी है।क्रेडिट कार्ड बंद करने पर निधि ने कहा कि आपको एक कॉल आएगा। जिसमें यह पूछा जाएगा कि आपको कार्ड बंद करना है कि नहीं। आप सारी जानकारी उन्हें दे दिजीएगा। निधि को हमने यह भी जानकारी दी कि अंकिता ने अपने वाट्सअप पर मेरे क्रेडिट का फोटो मंगवाई थी। जिसे मैंने भेज दिया है। निधि ने कहा कि आप निश्चित होकर घर चले जाइए। आपका कार्ड बंद हो जाएगा।
उसी दिन शाम को लगभग 5 बजे उनके मोबाइल पर एक महिला का फोन आया। इस समय फोन दया सागर की पत्नी के पास था। उक्त फोन पर महिला ने कार्ड के नंबर दया सागर की पत्नी को बताते हुए यह कंफर्म किया कि यह वहीं कार्ड है जिसके बारे में दया सागर ने बात की है। और यह कहा कि इस फोन में जो भी मैसेज आय है वह हमें बताए। आपका क्रेडिट कार्ड बंद कर दिया जाएगा। दया सागर की पत्नी ने जब वह महिला जो कि उसके कार्ड का पूरा नंबर बता रही है उस पर विश्वास करते हुए उसने अपने मोबाइल पर आए मैसेज की जानकारी उस महिला को दे दी। दया सागर की पत्नी को नहीं पता था एसबीआई क्रेडिट कार्ड के शातीर लूटेरों ने उनके क्रेडिट कार्ड से 91,170 रुपये पार कर दिया है।
19 अक्टूबर को बैंक अवकाश होने के कारण दया सागर 20 अक्टूबर को बैंक गया और क्रेडिट कार्ड बंद करने के लिए निधि से मुलाकात कर आवेदन दिया। तब निधि से बताया कि नेहरू नगर के्रडिट कार्ड ब्रांच में आवेदन करें। वहां ब्रांच मैनेजर वरूण मिलेंगे। लेकिन वक्त दया सागर के काम में जाने का था। इसलिए वह मोबाइल लेकर काम में चला गया। वहां जब उसने मोबाइल पर मैसेज देखा तो उसके होस उड़ गए। उसे पता चला कि उनके क्रेडिट कार्ड से 91,170 रुपये पार कर दिया है। तब उसने उसी दिन शाम लगभग 5 बजे अंकिता को फोनकर जानकारी दिया। अंकिता ने कहा कि जो आपके खाते में बकाया है वह आप तुरंत निकाल लिजिए। जब कोई इस फ्राड के बारे में आपसे पूछेगा तो कह देना कि मुझसे फ्राड हुआ है। इसलिए मैंने सारा रकम निकाल लिया है। मैं अब कोई पैसा नहीं दुंगा। दूसरे दिन जब इस फ्राड की शिकायत करने दया सागर एसबीआई के सेक्टर-1 ब्रांच मैनेजर स्वप्नील वाल्दे से मुलाकात कर उसे शिकायत की कॉपी दी तब उसने मेरे शिकायत को उठाकर जमीन में फेंक दिया और मुझसे अभद्रता की। कहा कि जो करना है तूम कर लो। एसपी, पुलिस सब हमारे हैं। हमारा वकील भी है। जो करना है कर लो। हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकते। यह पूरा दृश्य ब्रांच मैनेजर के कमरे में लगे सीसीटीवी कैमरे से पुष्टी की जा सकती है। ब्रांच मैनेजर ने कहा कि आप के्रडिट कार्ड शाखा में जाकर बात किजीए। हमारा उनसे कोई लेना देना नहीं है। न ही हम उनके स्टाफ को नौकरी में रखे हैं और न ही उन्हें हम वेतन देते हैं।
क्रेडिट कार्ड ब्रांच मैनेजर का कथन

बैंक मैनेजर स्वप्निल वाल्दे
नेहरू नगर स्थित क्रेडिट कार्ड के ब्रांच मैनेजर वरूण ने कहा कि आपका हम कुछ नहीं कर सकते। किसी भी प्रकार की कोई जानकारी भी आपको नहीं दे सकते। आप को हमारे रिजनल ब्रांच मैनेजर रायपुर में जाकर मिलना होगा। वही आपकी कुछ मदद कर सकते हैं।
पीड़ित दयासागर शुक्ला
तब दया सागर ने रिजनल ब्रांच मैनेजर से मिलना चाहा। उसी दौरान यह मैनेजर सेक्टर-1 के एसबीआई शाखा में आया था। तब उनसे मुलाकात हुई। उन्होंने कहा कि सबसे पहले आप के्रडिट कार्ड का पैसा भरिये उसके बाद आप इस फ्राड का शिकायत जहां भी हो करते रहना।