इंदौर में अमेजन के नाम पर पहले डीलर बनकर विश्वास जीता फिर किया ठगी
इंदौर । इंदौर में अमेजन कंपनी का डीलर बनकर 15 व्यापारियों से डेढ़ करोड़ की ठगी का मामला सामने आया है। सस्ते दामों में मोबाइल दिलाने के नाम पर व्यापारियों से ठगी कर आरोपी रातों-रात परिवार के साथ किराए का मकान छोड़कर फरार हो गया। व्यापारियों ने पुलिस में शिकायत की है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी है।

थाना प्रभारी सतीश द्विवेदी ने बताया कि केसरबाग इलाके के रहने वाले प्रशांत राजानी की शिकायत पर अंकित जायसवाल निवासी विदुर नगर के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। वह प्रशांत से ऑनलाइन मोबाइल मंगवाकर देने के नाम पर 25 लाख रुपए ले गया।

इसके अलावा, आधा दर्जन व्यापारियों से भी पांच से 10 लाख रुपए लेकर परिवार सहित चंपत हो गया। उसने पहले कुछ मोबाइल व्यापारियों को विश्वास में लिया, उसके बाद ठगी की। ये सभी मोबाइल जेल रोड की दुकानों से ही बेचे जाते थे। यहां के भी कई व्यापारी ठगी का शिकार हुए हैं।
द्विवेदी ने बताया कि आरोपी अंकित जायसवाल ने व्यापारी प्रशांत राजानी से 28 लाख, भरत कमलानी से 14 लाख, हर्ष व्यास से 25 लाख, राजेश दिगंबर से 7.5 लाख, मोहम्मद आसिफ से 7.5 लाख, अमन शेख से 10.5 लाख, वसीम मंसूरी से 6.5 लाख, विकास कुमार से 19 लाख, डीजे गोयल से 4.5 लाख, वसीम खान से 5.5 लाख और अंकित से सवा लाख रुपए लेकर भाग गया। पुलिस उसके घर पहुंची तो वहां कोई नहीं मिला।
ऐसे दिया ठगी को अंजाम
प्रशांत राजानी ने पुलिस को बताया कि 20 अगस्त 2021 को उसकी पहचान अंकित जायसवाल से हुई थी। उसने खुद को ई-कॉमर्स वेबसाइट अमेजन के माध्यम से मोबाइल उपलब्ध करने वाला बताया था। प्रशांत जो मोबाइल अंकित से खरीदता था। वह उसकी 2 माह बाद डिलिवरी देता था। 10 अक्टूबर के बाद मोबाइल देना थे। फरियादी प्रशांत से 28 लाख रुपए के माल देने की बात हुई थी। अंकित ने रुपए भी ले लिए। इसके बाद अंकित का मोबाइल नंबर बंद आ रहा था। इस पर व्यापारियों ने शनिवार देर रात द्वारकापुरी थाने में केस दर्ज करवाया है।
अमेजन कंपनी का डीलर बताया था
प्रशांत ने बताया कि आरोपी अंकित ने उसे बताया था कि जो भी ग्राहक अमेजन के माध्यम से मोबाइल मंगवाते थे। यदि ग्राहक को मोबाइल पसंद नहीं आता था, तब वह उसे वापस कर दिया करते थे। अंकित खुद को ग्राहकों द्वारा कंपनी को लौटाए गए प्रोडक्ट का डीलर बताता था। इन मोबाइल को वह व्यापारियों को देता था।