स्कूलों में पढ़ाई रही ठप, बसों के टैक्स आदि मांगों पर हड़ताल, सीएम हाउस जाते समय पुलिस ने रोका
रायपुर । सोमवार को राज्यभर के निजी स्कूलों में छुट्टी रही। ऑनलाइन कक्षाएं तक नहीं लगी। आरटीई की फीस के लिए निजी स्कूल संचालक सड़क पर उतरे। फीस के अलावा एक अहम मुद्दा बसों के टैक्स का भी था। इसे लेकर भी निजी स्कूलों ने धरना दिया, प्रदर्शन किया। इस मामले में शिक्षा विभाग ने कहा कि जिलों से मांग सत्यापित होने पर राशि का आबंटन होगा।


रायपुर में संभवत: पहली बार अपनी मांगों को लेकर निजी स्कूल के संचालक और प्रिसिंपल धरने पर दिखे। इस धरने में राजधानी के छोटे स्कूलों के साथ प्रमुख स्कूल जैसे डीपीएस, केपीएस, ज्ञान गंगा, ब्राइटन, स्कॉलर्स, होली क्रास समेत अन्य स्कूल शामिल रहे। दोपहर 1 बजे से धरने का समय था। करीब 12 बजे से ही बूढ़ा तालाब धरने स्थल पर प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों से स्कूल संचालक जुटने लगे। करीब डेढ़ से 2 हजार स्कूल के प्रतिनिधि थे। भीड़ इतनी ज्यादा थी कि आवाजाही भी प्रभावित हुई। मांगों को लेकर निजी स्कूल ने रैली निकाली, वे मुख्यमंत्री निवास जाने वाले थे। बूढ़ातालाब धरना स्थल से जैसे ही रैली की शक्ल में स्कूल के प्रतिनिधि निकले, पुलिस ने रोका। प्रशासन के अधिकारियों ने इसका ज्ञापन लिया। फिर कुछ देर बाद धरना प्रदर्शन खत्म हो गया। छग प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव गुप्ता का कहना है कि शासन से विभिन्न मांगे की गई है। 30 अक्टूबर तक आरटीई का पैसा नहीं मिलने पर आगे आंदोलन किया जाएगा।
बकाया राशि का गणित
आरटीई के तहत 2019-20 के 26 करोड़ रुपए और 2020-21 के तहत 160.58 करोड़ रुपए यानी कुल 186.58 करोड़ रुपए फीस के रूप में दिए जाने हैं। इसमें से 64 करोड़ राज्य शासन के बजट से और 106.44 करोड़ भारत सरकार से स्वीकृत है। यानी कुल मांग 186.58 करोड़ और प्राप्त राशि 170.44 करोड़ रुपए। 16 करोड़ रुपए प्राप्त होना शेष है। राज्य शासन से मिले 64 करोड़ रुपए में से 16 करोड़ बांटे जा चुके हैं। अफसरों का कहना है कि आरटीई की फीस के तहत बची हुई राशि का आबंटन भी जल्द हो जाएगा।
जिलों से मांग सत्यापित होने पर राशि वितरित की जा रही है। राशि स्कूलों के खातों में जा रही है।
-डॉ. कमलप्रीत सिंह, आयुक्त, लोक शिक्षण