पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में 3 किसानों की जान हेड इंजरी से गई, एक घिसटते हुए मरा; 4 की मौत पीटने से हुई, फायर शॉर्ट के निशान नहीं
लखीमपुर |लखीमपुर हिंसा में मारे गए किसानों समेत पत्रकार और भाजपा कार्यकर्ताओं का भी पोस्टमॉर्टम कर दिया गया है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक फायर इंजरी से किसी की मौत नहीं हुई है। सभी में चोट के निशान पाए गए हैं।पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में 3 किसानों को हेड इंजरी भी बताई गई है। 4 को मौत से पहले पीटने की बात भी आ रही है। किसी भी मृतक के शरीर में फायर शॉट के निशान नहीं मिले हैं। जबकि किसानों का दावा है कि उनको गोली भी मारी गई है। एक परिवार ने दिल्ली के डॉक्टरों से दोबारा पोस्टमॉटर्म कराने की मांग की थी। देर शाम दिल्ली से डॉक्टरों की एक टीम यूपी पहुंच गई है।

पोस्टमॉर्टम रिपोट्र में क्या वजह बताई

किसान दलजीत सिंह निवासी बहराइच: इन्हें मौत से पहले घसीटा गया है। शरीर पर 16 से 17 चोट के निशान हैं।
किसान लवप्रीत सिंह निवासी लखीमपुर: इन्हें भी हेड इंजरी है, घिसटने के निशान हैं और शरीर पर 16 से ज्यादा चोट के निशान पाए गए हैं।
किसान गुरविंदर सिंह निवासी बहराइच: हेड इंजरी है, नुकीले हथियार से चोट के निशान हैं। घसीटा भी गया है। साथ ही शरीर के अन्य हिस्सों पर भी चोटों के निशान हैं।
किसान नक्षत्र सिंह निवासी लखीमपुर: घिसटने के निशान मिले हैं। शरीर के अन्य हिस्सों में भी चोट के निशान हैं। हेड इंजरी है।
पत्रकार सहित भाजपा कार्यकर्ताओं की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट
पत्रकार रमन कश्यप निवासी लखीमपुर: मौत का कारण शॉक और हैमरेज के अलावा डंडों से पिटाई के निशान मिले हैं।
शुभम मिश्रा निवासी लखीमपुर: शरीर पर कई जगह चोट के निशान हैं। डंडों से पीटने के निशान भी मिले हैं।
हरिओम मिश्रा निवासी लखीमपुर: डंडों की चोट के निशान मिले हैं, शॉक और हैमरेज से मौत हुई है।
श्यामसुंदर निवासी लखीमपुर: घिसटने के चोटों के निशान और लाठी डंडों से पीटने के निशान पाए गए हैं।
परिजनों ने खारिज कर दी रिपोर्ट
बहराइच निवासी गुरविंदर सिंह, दलजीत सिंह और लखीमपुर खीरी निवासी लवप्रीत के परिजनों ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के दावे को खारिज कर दिया है। किसान के परिजनों का कहना है कि इनकी मौत गोली लगने से हुई है। जबकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में फायर शॉट की इंजरी नहीं दिखाई गई है। यह कहीं न कहीं केंद्रीय गृह मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को बचाने की कवायद है।