रांची के ग्रामीण एसपी नौशाद आलम ने बताया कि चश्मदीद गवाह की हत्या के लिए अपराधियों ने जज हत्याकांड के पैटर्न का इस्तेमाल किया. ताकि पुलिस को घटना हत्या नहीं हादसा लगे.
जज उत्तम आनंद केस की तरह रची साजिश
रांची| झारखंड की राजधानी रांची के मांडर थानाक्षेत्र में चश्मदीद गवाह को मारने के लिए जज उत्तम आनंद मौत मामले की तरह साजिश रची गई थी. पुलिस ने शुक्रवार को इसका खुलासा किया. अपराधियों को इसके लिए 9 लाख रुपये की सुपारी दी गई थी. हत्या हादसा लगे, इसलिए अपराधियों ने जज मौत मामले के पैटर्न पर घटना को अंजाम दिया.


रांची के मांडर थानाक्षेत्र के मुड़मा में गत 27 सितंबर को रविन्द्रनंद तिवारी नामक शख्स की पिकअप वैन की चपेट में आने से मौत हो गई. शुरुआती जांच में घटना सड़क हादसा लगा. लेकिन परिजनों ने इसे हत्या मानते हुए पुलिस ने जांच करने का आग्रह किया. पुलिस ने छानबीन की तो पता चला कि रविन्द्र नंद तिवारी की हत्या की गई है. और इसके लिए अपराधियों को 5 लाख रुपए की सुपारी दी गई.पुलिस की जांच में ये सामने आया कि जेल में बंद विशाल ने अपने भाई के माध्यम से रविन्द्र नंद तिवारी की हत्या के लिए 5 लाख की सुपारी अपराधियों को दी थी. रविन्द्रनंद अपने भाई सुबोध तिवारी की मौत मामले में चश्मदीद गवाही था. लेकिन उसपर कोर्ट में गवाह नहीं देने के लिए दबाव बनाया जा रहा था. गवाही 28 सितंबर को होनी थी. दबाव के बावजूद रविंद्रनंद गवाही के लिए अगले दिन जाने वाला था.
सुबोध तिवारी केस में जेल में बंद विशाल साहू ने अपने भाई विकास साहू और पिता विक्रम साहू के साथ रविन्द्र की हत्या की साजिश रच डाली और अपराधियों को 5 लाख की सुपारी दी. जियाउल अंसारी, अल्ताफ, जिसान और आफताब खान नामक अपराधियों को हत्या के लिए लगाया गया. अपराधियों ने हत्या से पहले रविन्द्र नंद की 10 दिन तक रेकी की. 27 सितंबर को रविन्द्र नंद को मुड़मा के पास बाइक से जाता देख अपराधियों ने उसे बोलेरो पिकअप से पीछे से टक्कर मार दी. और घसीटते हुए कुछ दूर तक ले गया. इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई.
रांची के ग्रामीण एसपी नौशाद आलम ने बताया कि इस घटना में अपराधियों ने जज हत्याकांड के पैटर्न का इस्तेमाल किया. ताकि पुलिस को घटना हत्या नहीं हादसा लगे. पुलिस आरोपी विकास साहू और विक्रम साहू को गिरफ्तार करने में जुटी है. 2019 में जमीन विवाद में सुबोध तिवारी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में रविन्द्र नंद चश्मदीद गवाह था.
बता दें कि धनबाद के जज उत्तम आनंद को मॉर्निंग वाक के दौरान पीछे से ऑटो से टक्कर मार दी गई थी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई थी. इस मामले की सीबीआई जांच जारी है.