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क्या से बातसच है ? दुर्ग आर टी ओ कार्यालय में डाक्टर प्रभा तिवारी ने किया ने किया लर्निंग ड्रायविंग लायसेंस में भ्रष्टाचार

दुर्ग आर टी ओ कार्यालय के लर्निंग शाखा में ड्रायविंग लायसेंस के पंजीयन में हुई धांधली ,क्या करेंगे कार्यवाही अनुभव शर्मा ! या फिर डर कर करेंगे कार्यवाही करने का नाटक 

एक  डाक्टर उपाधि प्राप्त महिला  आखिर कैसे लर्निंग ड्रायविंग लायसेंस में भ्रष्टाचार कर सकती  है यह सवाल उठता है ,लेकिन सवाल उठता है तो उसका ज़वाब भी ज़रूरी है देना |उसका ज़वाब यही है की जब भी किसी व्यक्ति या महिला को विभाग में उसके तय दायित्व से ज्यादा कार्य सौंप दिया जाता है यानी उसे जिस कार्य  के लिए विभाग में नियुक्ति दी गई थी उसके अतिरिक्त यदि उस दायित्व से बड़ा कार्य उन्हें दिया जाएगा तो उनकी आँखें चकाचौंध हो जाना स्वाभाविक ही है |
     हमारे पास  ऐशा  एक मामला आया है जिसमें इस लर्निंग ड्रायविंग लायसेंस के पंजीयन में उसकी तात्कालीन शाखा प्रभारी डॉ.प्रभा तिवारी की कार्यालय में अनुपस्थिति के दौरान उनके आई डी से नए व्यक्ति का लर्निग टेस्ट लिया गया है ,इसकी पुष्टि ऑन लाइन फार्म को देख के किया जा सकता है|

आखिर लर्निंग टेस्ट हुआ तो हुआ कैसे ?

लर्निग ड्रायविंग टेस्ट के लिए सबसे पहले आवेदक को ऑन लाइन फ़ार्म भरना पड़ता है जिसमे इनके टेस्ट का दिनांक दिखा जाता है उस दिन सम्बंधित आव्र्दक अपने फार्म लेकर लर्निग ड्रायविंग टेस्ट शाखा जाता है जहाँ शाखा प्रभारी द्वारा अपने कम्प्यूटर से ऑन लाइन फार्म सबमिट करते हुए डेस्क टॉप कम्प्यूटर  से परीक्षा लेती है,इस फार्म के सबमिट करने पर इस फार्म में यह दिख जाता है की इसके आई डी से यह टेस्ट लिया गया है |

जब डॉ.प्रभा तिवारी कार्यालय में थी ही नही तो टेस्ट लिया किसने ?

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बात आखिर यही आकर अटक जाति है की जब लर्निग टेस्ट की शाखा प्रभारी कार्यालय में थी है नहीं तो फिट यह टेस्ट लिया किसने ,और क्यों लिया ? ऑन लाइन टेस्ट फ़ार्म में अगर यह  कालम नहीं होता कि  टेस्ट किसके आई डी से लिया गया है तो शायद यह कभी पकड़ में नहीं आता ,  कहतें है ना कि  चोर कितना भी शातिर हो कोई ना कोई गलती तो वह करता ही है |उहाँ भी कुछ ऐसे ही हुआ |जिस तरह से टेस्ट लिया गया उस एपकदाने में हमें बहुत ही ज्यादा मेहनत करनी पड़ी अभी हम यह न्मामाला पकड़ पाए हैं |

टेस्ट ले वाला आखिर है तो वो है कौन, आखिर कौन ?

परमभ से ही इस विभाग के शाखा प्रभारी  के ऊपर कई तरह के विवादों के खबरें तो आती रही है जिअसमे से प्रमुख यह है की आखिर इस प्रभा तिवारी की नियुक्ति कांस्टेबल के पद पर हुई है तो फिर उंसे उसके दायित्व से बढकर क्यों कार्य लिया जा रहा है , यही कारण है की इस प्रभा तिवारी ने अपने सहयोग के लिए बाहरी व्यक्ति को भी रखा हुआ था जिअसके सहारे वो अपने विभागीय कार्य को अंजाम देती थी |जब उसे कार्य नहीं समझा आता था फिर क्यों उसने दायित्व लिया ,क्यों इनकार नहीं किया |

प्रभा तिवारी ने क्या घर से लिया टेस्ट  या फिर किसी और ने लिया यह टेस्ट 

जैस की स्पष्ट हो चूका है की प्रभा तिवारी कार्यालय में अनुपस्थित थी और ऐसे में लर्निंग टेस्ट लिया गया है इन परिस्थितियों में केवल यह ही दिखाई देता है की प्रभा तिवारी ने घर बैठकर टेस्ट लिया है ,पर आखिर वो ऐसा करेगी क्यों ? क्या उसे इस काम के [बाहरी काम के ] पैसे मिलते है अगर नहीं तो  फिर जो व्यक्ति प्रभा तिवारी के साथ रहता था उसने ही ये कारगुजारी पैसे कमाने के लिए किया है ?

आखिर जो भी हो गलती तो हर हाल में डा.प्रभा तिवारी की ही है जिसने बाहरी व्यक्ति को अपने साथ अपने काम के लिए रखा |इस बाही व्यक्ति को उसका मेहनताना देगा कौन ,अगर मेहनताना उसे मिल रहा है तो उसका भुगतान स्वयं प्रभा तिवारी ही करेगी ,यानी ना जाने कब से ये भ्रष्टाचार हो रहा है | ये बहरी व्यक्ति का सरगना है कौन इसका खुलाशा आने वाले समय में होगा |

शासकीय कार्यों में फर्जी तरीके से लिया गया टेस्ट एक बहुत ही बड़ी शासकीय घोखाधड़ी है दस्तावेज से छेडछाड,दुर्ग के आर टी ओ अधिकारी अनुभव शर्मा को पुलिस में प्राथमिकी दर्ज करनी ही पड़ेगी |

सजा किसे मिलेगी डा.प्रभा तिवारी को या फिर उसके साथी को  ठहराया जाएगा खैर जिम्मेदार  जो भी हो का इस बार शासकीय कार्यों में लापरवाही से बच  पाना असंभव है  , न्याय तो होकर ही रहेगा |