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2 साल की उम्र में किडनी में पथरी! आखिर कैसे ?

दर्द-बुखार रहता था, सीटी स्कैन से पता चला, डेढ़ घंटे ऑपरेशन कर निकाली; डॉक्टर्स बोले- मां के खान-पान से ऐसा संभव

जबलपुर । मेडिकल कॉलेज जबलपुर के डॉक्टरों ने दो साल बच्चे की किडनी से पथरी निकाल कर उसे नई जिंदगी दी। बच्चा दर्द और बुखार से अक्सर पीड़ित रहता था। सीटी स्कैन में इसका खुलासा हुआ। डेढ़ घंटे के ऑपरेशन कर डॉक्टरों ने पथरी को निकाल दिया। डॉक्टरों का कहना है कि मां के खान-पान के असर के कारण ऐसा हो सकता है।

जबलपुर मेडिकल के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में बच्चे का ऑपरेशन किया गया। यूरोलॉजी विभाग में 2 साल के बच्चे की किडनी की पथरी का दूरबीन से जटिल ऑपरेशन किया गया। बता दें कि बच्चों की पथरी के दूरबीन से ऑपरेशन जटिल माने जाते हैं। यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ फणींद्र सोलंकी के मुताबिक बच्चे को दाएं किडनी में दर्द रहता था। उसे बार-बार बुखार आने की समस्या थी। परिजन जब बच्चे को लेकर आए, तब भी वह बुखार व दर्द से परेशान था। जांच कराने पर किडनी में पथरी का पता चला।

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सामान्य एक्सरे में नहीं दिखाई दे रही थी पथरी

इस पथरी में मुश्किल ये थी कि यह सामान्य एक्सरे में नहीं दिखाई दे रही थी। इसके बाद सीटी स्कैन कराया गया। इसमें खुलासा हुआ कि बच्चे की किडनी में 5 एमएम का स्टोन इंफेक्शन है। डॉक्टरों का कहना है कि चूंकि इंफेक्शन स्टोन का घनत्व कम होता है, इसलिए यह एक्सरे में नहीं आया। इसकी वजह से ऑपरेशन और भी जटिल हो गया था। मेडिकल कॉलेज के अनुभवी चिकित्सकों की टीम में शामिल यूरोलॉजी विभाग के डॉ फणींद्र सोलंकी, डॉ अर्पण चौधरी, डॉ अविनाश ठाकुर, डॉ प्रशांत पटेल, डॉ अनुराग दुबे व एनेस्थीसिया विभाग के डॉ मीना सिंह, डॉ कमल राज व डॉ. अनिवेश जैन की टीम ने बच्चे का सफल ऑपरेशन कर पथरी निकाल दी।

डाक्टर का कहना है कि मां के खान-पान का असर है

यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. फणींद्र सोलंकी के मुताबिक ये ऑपरेशन इस कारण जटिल था कि इतने छोटे बच्चे की किडनी ऑपरेशन का ये पहला मामला मेडिकल कॉलेज में आया था। इसे किडनी स्टेगहान स्टोन कहते हैं। सामान्य स्टोन 90 % एक्सरे में दिखते हैं, उसका ऑपरेशन एक्सरे में देखते हुए करते हैं। उनका कहना है कि मां के खान-पान से ये स्टोन बच्चे में होता है। करीब डेढ़ घंटे चले ऑपरेशन में इसे दूरबीन की मदद से अलग किया गया। फिलहाल बच्ची की स्थिति ठीक है।