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तूफानी हलचल के बीच राहुल गांधी से भूपेश बघेल की 3 घंटे तक बैठक

बैठक के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि विकास योजनाओं और राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा हुई है. राहुल गांधी  को छत्तीसगढ़ आने का निमंत्रण दिया है. 

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नई दिल्ली/रायपुर| छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दिल्ली तलब किए जाने के बाद पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की. यह मुलाकात साढ़े तीन घंटे तक चली. बैठक में पीएल पुनिया, कांग्रेस संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और प्रियंका गांधी ने भी हिस्सा लिया. हालांकि प्रियंका गांधी थोड़ी देर बाद ही बैठक छोड़कर निगल गई थीं. बैठक के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि विकास योजनाओं और राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा हुई है. उन्होंने यह भी कहा कि राहुल गांधी को छत्तीसगढ़ आने का निमंत्रण दिया है.

गौरतलब है कि 48 घंटे में मुख्यमंत्री बघेल का यह दूसरा दिल्ली दौरा था. मुख्यमंत्री के पद को लेकर चल रही रस्साकशी को खत्म करने का प्रयास राष्ट्रीय नेतृत्व की ओर से जारी हैं. इसी हफ्ते मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सोमवार की रात दिल्ली आए थे और अगले दिन राहुल गांधी से स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के साथ मुलाकात हुई थी. बुधवार को कांग्रेस संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल से भूपेश बघेल मिलकर रायपुर लौट गए थे. एआईसीसी में जुटे छत्तीसगढ़ के कांग्रेस विधायकों ने प्रभारी पीएल पुनिया और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात की. मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि राहुल गांधी ने हमारा आमंत्रण स्वीकार किया है. हमारी मांग पूरी. संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल से अब विधायक नहीं मिलेंगे.

दिल्ली में समर्थकों का डेरा

इधर, दिल्ली में राष्ट्रीय नेतृत्व दबाव बनाने के लिए भूपेश बघेल के कई समर्थक विधायक डेरा डाले हैं. कांग्रेस दफ्तर में मौजूद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के समर्थकों, महापौर और कार्यकर्ताओं ने कहा कि नेतृत्व परिवर्तन नहीं होना चाहिए.

सूत्रों के मुताबिक,मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के समर्थन में 55 विधायकों की सूची तैयार की गई थी. पीएल पुनिया के आवास में यह सूची बनाई गई. इसे राहुल गांधी को देने की बात कही जा रही थी. विधायकों से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के समर्थन में पत्र लिखवाने की बातें भी सामने आई. ये पत्र आलाकमान तक भेजे जाने थे. बघेल के नेतृत्व में बेहतर कार्य किए जाने का हवाला पत्र में दिया गया. आने वाले दिनों में बघेल को ही मुख्यमंत्री बनाएं रखने की मांग विधायकों ने की थी.