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हेड कॉन्स्टेबल ने नायब सूबेदार के नाम पर 14 बैंकों से 41 लाख रुपए का लोन लिया, केस दर्ज

कोलकाता के आर्मी अफसर से भोपाल में ठगी: आरोप- हम नाम हेड कॉन्स्टेबल ने दस्तावेज चुराकर फर्जीवाड़ा किया

भोपाल । भोपाल की कोहेफिजा पुलिस ने आर्मी के नायब सूबेदार की शिकायत पर सेना के ही हेड कॉन्स्टेबल के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। नायब सूबेदार ने पुलिस को बताया कि आरोपी पहले बेंगलुरु स्थित हेडक्वार्टर में पदस्थ था। वहां से उसने दस्तावेज चोरी कर लिए। इसके बाद भोपाल में पोस्टिंग के दौरान 14 अलग-अलग बैंकों से करीब 41 लाख रुपए का लोन ले लिया। फिलहाल संदिग्ध क्लर्क अभी सेना के किस यूनिट में पदस्थ है, इसकी जानकारी पुलिस को नहीं मिल सकी है।

मामले की जांच कर रहे कोहेफिजा थाने के सब-इंस्पेक्टर ब्रजेन्द्र पाण्डेय ने बताया कि मूलत: अहमदनगर, महाराष्ट्र निवासी जाधव राजेश भीवसेन सेना में नायब सूबेदार हैं। वर्तमान में वह कोलकाता में पदस्थ हैं। साल भर पहले उन्होंने लोन के लिए बैंक में अप्लाई किया था। बैंक ने बताया कि उनके नाम से भोपाल की 14 अलग-अलग बैंकों में करीब 41 लाख 21 हजार रुपए का लोन पहले से है। यह सुनकर ब्रजेन्द्र चौंक गए।

उन्होंने जानकारी निकाली तो पता चला कि बेंगलुरू हेडक्वार्टर में उन्हीं का हम नाम राजेश जाधव हेड कॉन्स्टेबल क्लर्क के पद पर पदस्थ था। उन्हें संदेह है कि इसी दौरान आरोपी ने उनके पैनकार्ड, आधार कार्ड समेत अन्य दस्तावेज चोरी कर लिए हैं। बाद में आरोपी का ट्रांसफर भोपाल हो गया।

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यहां उसने नायब सूबेदार के दस्तावेज लगाकर अलग-अलग 14 बैंकों से करीब 41 लाख रुपए का लोन निकाल लिया। सब-इंस्पेक्टर पाण्डेय ने बताया कि लोन वर्ष 2016, 2017, 2018 के बीच लिया गया है। फिलहाल, लोन की 25 लाख रुपए ऋण बकाया है। सूबेदार ने बैंक अधिकारियों पर आरोपी से मिलीभगत का भी संदेह जताया है।

आरोपी की जानकारी जुटाने 2 घंटे द्रोणांचल के गेट पर खड़े रहे सब-इंस्पेक्टर

पुलिस आरोपी की जानकारी जुटाने में लगी है। गुरुवार को सब-इंस्पेक्टर पाण्डेय सेना के द्रोणांचल यूनिट पहुंचे। वह करीब दो घंटे तक गेट पर खड़े रहे, लेकिन उन्हें अंदर जाने की अनुमति नहीं मिली। सेना के अधिकारियों ने उन्हें सोमवार का समय दिया है। पुलिस का कहना है कि जानकारी नहीं मिलने की वजह से जांच में देरी हो रही है।

क्लर्क का मोबाइल नंबर बंद मिला

पुलिस को कुछ जवानों से जानकारी मिली कि संदिग्ध हेड कॉन्स्टेबल वर्तमान में लेह में पदस्थ है। हालांकि उसका मोबाइल फोन पुलिस को बंद मिला है। सोमवार को सेना की तरफ से उसकी जानकारी मिलने के बाद ही उसकी पदस्थापना के बारे में पता चल सकेगा। सूबेदार ने इसकी शिकायत शुरुआत में शाहजहांनाबाद थाने में की थी। इसके बाद शिकायती आवेदन को कोहेफिजा थाने भेज दिया गया। जांच के बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया।