कमर दर्द का इलाज कराने गए थे रिटायर्ड सूबेदार, 20 रुपए फीस और 1100 रुपए की दवा देकर फंसाया, फायदा होने के बाद गंवाए रुपए
जबलपुर |सड़क किनारे शर्तिया इलाज का दावा करने वाले वैद्य के झांसे में भूल कर भी मत फंसना। यहां इलाज के नाम पर ठगी का गोरखधंधा चलता है। ये जबलपुर निवासी सेना से रिटायर्ड सूबेदार की आपबीती है। वह कमर दर्द का इलाज कराने गए थे। 20 रुपए की फीस और 1100 रुपए की दवा ने ऐसा फायदा पहुंचाया, वे वैद्य के झांसे में फंसते चले गए। फिर तो अलग-अलग दुकानों और शहरों से दवा खरीदने के चक्कर में 25 लाख रुपए गंवा बैठे। सूबेदार की शिकायत पर जबलपुर की गोरखपुर थाना पुलिस ने केस दर्ज कर जांच में लिया है।

पुलिस के मुताबिक हाईकोर्ट सोसायटी रामपुर निवासी वीरेंद्र कुमार तिवारी सेना में सूबेदार से रिटायर हैं। वर्तमान में वह MES में कार्यरत हैं। वह कमर दर्द और पैर सुन्न होने की समस्या से पीड़ित हैं। दिसंबर 2020 में रामपुर चौराहे पर जगजीवन आयुर्वेदिक दवाखाना की दुकान लगी थी। गठिया, कमर दर्द, पैर में झनझनाहट समेत कई गंभीर बीमारी का वहां शर्तिया इलाज का दवा किया गया था।
दवाखाने का इश्तेहार पढ़कर आ गए
वीरेंद्र कुमार तिवारी दुकान के बाहर लगे इलाज संबंधी उक्त इश्तेहार पढ़कर झांसे में आए गए। दवाखाना के पांडाल में जगजीवन नाम के वैद्य से मिले। वीरेंद्र कुमार ने समस्या बताई। जगजीवन ने 20 रुपए लेकर 1100 रुपए की दवा दी। इससे फायदा भी हुआ। फिर दवा लेने गए, तो उसने डराया कि उन्हें लकवा लगने वाला है। इलाज लंबा चलेगा। शर्तिया आराम मिलने का भरोसा दिया। इसके बाद वह उससे दवा लेने लगे।
हर बार दवा की कीमत बढ़ाने लगा आरोपी

पीड़ित वीरेंद्र कुमार के मुताबिक हर बार आरोपी दवा की कीमत बढ़ाने लगा। कारण बताता था, जिस दवा से आराम मिल रहा है, वो आसानी से उपलब्ध नहीं है। बाहर से मंगवाने पड़ते हैं। जगजीवन ने दवा बनाने वाली कंपनी से संपर्क करने की सलाह देते हुए दो दलालों राजकुमार व पान सिंह से बात कराई। ये भी भरोसा दिलाया कि वे दवा भी दिलवा देंगे।
जबलपुर समेत बनारस और दिल्ली से भी दवा दिलवाई
दोनों दलाल उसे दमोह नाका स्थित दवा दुकान ले गए। दुकान संचालक धर्मेंद्र सिंह से 4 लाख रुपए की दवा दिलवाई, जबकि दवा के नाम पर छोटी सी पुड़िया थी। इसके बाद दोनों दलालों ने उसे खुद भी दवा खरीद कर भी कई बार दिए। इसके एवज में दोनों ने 13 लाख रुपए लिए। आरोपियों ने उसे बनारस के रामनगर चौक स्थित आयुर्वेदिक औषधालय से भी दवा दिलवाई। वहां 8.64 लाख रुपए लगे थे। वहां से वे दो बार दवा लिए थे। इस तरह गिरोह ने 25 लाख रुपए ठग लिए।
झांसा दिया था कि इलाज में खर्च हुई रकम से 25% काटकर रिफंड हो जाएगा
आराेपियों ने ये भी झांसा दिया था, जो भी दवा आप खरीद रहे हैं। उसका 25 प्रतिशत काट कर बाद में रिफंड हो जाएगा। 25 लाख रुपए की दवा में कुछ दवाएं उनके पास अब भी उपलब्ध है। जबलपुर आयुर्वेदिक कॉलेज में इन दवाओं काे दिखाया, तब पता चला कि इनकी कीमत बमुश्किल से 2500 रुपए भी नहीं है।
आरोपियों की दवा खाकर बिगड़ने लगी थी मानसिक स्थिति
आरोपियों ने 6 मार्च 2021 को दवा दिलाने के लिए बनारस से दिल्ली भी बुलाया था। वहां जो दवा दी गई, उससे उनकी मानसिक स्थिति भी बिगड़ गई। राजकुमार ने दिल्ली बुलाया था, लेकिन वह खुद नहीं मिला। गोरखपुर पुलिस ने मामले में जगजीवन, राजकुमार, पानसिंह, सहारनपुर निवासी गुड्डू यादव के श्री वैद्यनाथ आयुर्वेदिक औषधालय वाराणसी रामनगर चौक, दमोह नाका दवा खाना के संचालक के खिलाफ धोखाधड़ी व साजिश रचने का प्रकरण दर्ज कर जांच में लिया है।