जौनपुर| उत्तर प्रदेश के जौनपुर में जिला जेल में कैदी की मौत के बाद गुस्सा फूट पड़ा. बंदियों ने जमकर बवाल काटा. तोड़फोड़ के साथ ही जेल अस्पताल में आग लगा दी. स्थिति पर काबू पाने जेल प्रशासन को भारी पुलिस और पीएसी फोर्स बुलानी पड़ी. बंदियों का हंगामा घंटो जारी रहा. स्थिति संभालने गेट बंद कर पुलिस ने आंसू गैस में गोले दागने पड़े. कैदी बागीश मिश्र की मौत के बाद जेल में हंगामा हुआ. बंदियों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए विवाद किया. जेल के अंदर की कैदियों ने तोड़फोड़ और आगजनी की. जेल के अंदर से रुक-रुक कर फायरिंग भी होती रही. पुलिस ड्रोन कैमरे की मदद से जेल बैरकों, और परिसर की निगरानी कर रही है.

कैदियों के हमले से कारागार का एक सिपाही घायल भी हो गया है. उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है. घटना की सूचना मिलते ही कमिश्नर दीपक अग्रवाल और आईजी एसके भगत मौके पर पहुंचे. जौनपुर प्रशासन बंदियों को समझाने का प्रयास कर रहा है.
बताया जा रहा है कि आजीवन कारावास पाए कैदी बागेश मिश्र उर्फ सरपंच की शुक्रवार को दोपहर मौत हो गई. मृतक के भाई ने जेल प्रशासन पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है. मौत की खबर मिलते ही आक्रोशित बंदियों ने जेल में हंगामा और तोड़फोड़ करना शुरू कर दिया. दरअसल, रामपुर थाना क्षेत्र के बनीडीह गांव निवासी 42 वर्षीय बागेश मिश्र को जिला अदालत ने पांच जनवरी को हत्या और अनुसूचित जाति उत्पीड़न निवारण एक्ट में दोहरा आजीवन से दंडित किया था. तभी से वह जिला जेल में निरुद्ध था. उसे काफी समय से मधुमेह के साथ ही श्वांस संबंधी बीमारी थी. गुरुवार को हालत खराब होने पर उसका जेल के अस्पताल में इलाज चल रहा था.

शुक्रवार की दोपहर करीब एक बजे सीने में दर्द, सांस फूलने पर हालत नाजुक देखते हुए जेल प्रशासन ने स्वजन को सूचना देने के साथ ही जिला चिकित्सालय पहुंचाया. वहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.मृतक की पत्नी कुसुम मिश्रा ग्राम सभा बनीडीह की प्रधान हैं. मृतक के भाई अनिल कुमार मिश्र ने बीमारी की पुष्टि करते हुए जेल प्रशासन पर इलाज में उदासीनता बरतने का आरोप लगाया है.
डॉक्टरों ने किया मृत घोषित
जेल अधीक्षक एसके पांडेय ने कहा कि दोपहर में वह कारागार के अस्पताल में उपचाररत बंदियों को देखने गए तो बागेश मिश्र की हालत नाजुक लगी. तब एंबुलेंस से पुलिस अभिरक्षा में जिला अस्पताल भेजा गया जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इसकी सूचना कारागार मुख्यालय को दे दी गई.