निर्माणाधीन भवन के लिए खोदे गए गड्ढे के किनारे रखी मिट्टी धसकने से हुई थी मौत, सात मजदूर दब गए थे |
जबलपुर |दो दिन पहले नेपियर टाउन में निर्माणाधीन मकान की मिट्टी धसकने से मजदूर की मौत ठेकेदार की लापरवाही से हुई थी। हादसे में 7 मजदूर दब गए थे। 3 की गंभीर हालत होने पर अस्पताल पहुंचाया गया था, लेकिन वहां 1 मजदूर की मौत हो गई थी। इस मामले में साथी मजदूरों ने हंगामा करते हुए कार्रवाई की मांग की थी।

नेपियर टाउन में निर्माणाधीन बहुमंजिला भवन के लिए बेसमेंट की खुदाई की गई है। किनारे मिट्टी रखी गई थी। 20 मई की दोपहर में पौने तीन बजे अचानक मिट्टी धसक गई। नीचे काम कर रहे सात मजदूर दब गए थे। हादसे के बाद चीख-पुकार मच गई।

आसपास के लोगों ने मदद कर एक-एक कर सात लोगों को निकाला। हादसे की सूचना पर ओमती पुलिस भी पहुंची। घायलों में ब्रजेश गोठरिया (24) निवासी घुघरी मंडला, आशीष जैकब (21) निवासी शास्त्रीब्रिज पुल के पास और कोबरी कला मंडला निवासी नवीन परस्ते (19) की हालत गंभीर होने पर तीनों को पास के निजी अस्पताल पहुंचाया गया। जहां बृजेश गोठरिया की मौत हो गई।
मजदूरों की सुरक्षा के लिए नहीं था कोई इंतजाम
शुक्रवार को साथी मजदूरों ने हंगामा करते हुए मामले में कार्रवाई की मांग की गई। इस मामले में ओमती पुलिस ने मर्ग कायम कर हादसे के समय मौजूद मजदूरों के बयान लिए। पूछताछ में पता चला कि नेपियर टाउन प्लाट न. 27/ए इमारत का निर्माण ठेकदार मंदीप सिंह करा रहा है। लेकिन उसने मजदूरों की सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए थे।
ब्रजेश गोठरिया के उपर मिट्टी का ढेर गिरने से आई चोटों के चलते मौत हुई। यदि वह हेलमेट पहना होता तो शायद उसकी जिंदगी बच सकती थी। ऐसी खुदाई वाले स्थल पर लाेहे का जाल लगाया जाता है, जिससे मिट्टी धसकने का खतरा न रहे। मामले में ओमती पुलिस ने मंदीप सिंह के खिलाफ धारा 288, 304ए भादवि का प्रकरण दर्ज कर लिया।
एक महीने पहले भी इसी तरह निर्माणाधीन मकान से गिरकर हुई थी मजदूर की मौत
ओमती पुलिस ने एक दूसरे हादसे में इसी तरह निर्माणाधीन मकान में मजदूर की मौत मामले में लेबर कान्ट्रैक्टरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। ओमती पुलिस के मुताबिक 20 अप्रैल को मोदीबाड़ा झंडा चौक केंट निवासी सिद्धार्थ उर्फ राजेश भाटिया (28) की सिर में चोट के चलते मौत हो गई थी। उसे अरविंद पंडित ने मेडिकल में लेकर पहुंचा था। प्लाट नंबर 05 नेपियर टाउन में नितिन शर्मा मकान बनवा रहा है। उसने मंयक ग्रोवर को ठेका दिया था।
मजदूरों की सुरक्षा के लिए कोई उपकरण नहीं मुहैया कराया
मयंक ने वीरेंद्र पंडित व अरविंद पंडित को लेबर कांट्रेक्ट का ठेका दिया था। यहां भी मजदूरों की सुरक्षा के लिए कोई उपकरण नहीं दिए गए थे। पीएम रिपोर्ट में भी सिर में चोट को मौत की वजह बताई गई थी। राजेश भाटिया काम करते समय गड्ढे में गिर गया था। उसका सिर पानी निकालने वाली मशीन से टकरा गया था। इस मामले में भी आरोपी दोनों कांटेक्टरों वीरेंद्र पंडित और अरविंद पंडित के खिलाफ धारा 288, 304ए, 34 भादवि का अपराध दर्ज किया है।