मौत का सर्टिफिकेट बनाने में जल्दबाजी ,कानपुर के फॉर्च्यून अस्पताल ने मौत से 24 घंटे पहले का बना दिया डेथ सर्टिफिकेट
कानपूर |कानपुर शहर के फॉर्च्यून अस्पताल में एक लापरवाही का मामला सामने आ रहा है। यहां एक परिवार वालों ने लगाया है कि अस्पताल ने मरीज को मौत से 24 घंटे पहले ही मृत घोषित कर दिया। मामला मंगलवार का है। यहां इलाज में लापरवाही बरतने को लेकर घर वालों ने अस्पताल के बाहर हंगामा भी किया।

पनकी के रहने वाले विष्णु प्रताप सिंह को पिछले कुछ दिनों से बुखार आ रहा था। सोमवार को कोरोना पॉजिटिव निकलने के बाद जब सांस लेने में दिक्कत हुई तो घर वालों ने दोपहर बाद उनको फॉर्च्यून अस्पताल में भर्ती कराया। उनके बेटे विजय प्रताप का कहना है कि मंगलवार सुबह उन्होंने नाश्ता किया, उसके बाद दवा लेते ही उनकी हालत बिगड़ी और मौत हो गई। इसके बाद अस्पताल ने जो डेथ सर्टिफिकेट दिया है, वह एक दिन पुराना यानी 17 तारीख का बना हुआ है।
हंगामे के बाद अस्पताल के बाहर तैनात पुलिस।

अस्पताल ने कहा आरोप बेबुनियाद हैं
फॉर्च्यून अस्पताल के सीईओ पी. गुप्ता का कहना है, कि मरीज की हालत काफी गंभीर थी। मरीज की उम्र 80 साल थी। उसे सीधे आईसीयू में ही भर्ती कराया गया था। डाॅक्टर और उनकी टीम ने बचाने की पूरी कोशिश की। हां, डेथ सर्टिफिकेट देने में मानवीय चूक जरूर हुई है।
पुलिस टीम तलाश रही सीसीटीवी फुटेज
शिकायत मिलते ही कल्यानपुर पुलिस जांच में जुट गई है। घर वालों के आरोप के बाद सीसीटीवी फुटेज देखे जा रहे है। थानाध्यक्ष का कहना है कि पुलिस मेडिकल मामले में CMO रिपोर्ट के बाद ही FIR दर्ज करती है। पुलिस घर वालों की शिकायत पर प्रथमिक तौर पर कार्रवाई शुरू कर चुकी है। घर वालों के हंगामे पर पुलिस ने उनको फिलहाल शांत कराकर शव घर वालों के सुपुर्द कर दिया है।