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बिहार का कागज में चल रहा सुशासन और जीरो भ्रष्टाचार

         बिहार के मुख्यमंत्री का चल रहा बडबोलापन, किया जा रहा दिखावा

मुंगेर |बिहार के सुशासन का सुशासन मुख्यमंत्री द्वारा विश्व स्तरीय वैश्विक महामारी कोरोनावायरस पर कहा गया कि आक्सीजन, दवा की कमी और लापरवाही बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।लेकिन सिर्फ कागज पर दिखावे के लिए जीरो भ्रष्टाचार घोषणा करने वाले सुशासन बाबू द्वारा यह नहीं बताया गया कि-
1. बिहार को 190-195 टन आक्सीजन प्रतिदिन मिलना है लेकिन बिहार में अधिकतम 160-710 टन आक्सीजन भंडार करने/ रखने का क्षमता है। अब सोचे सुशासन बाबू का कितना झूठा घोषणा है ? जब आक्सीजन आपके पास नहीं है तो इलाज कैसे होगा ?
2. बिहार में डाक्टरों और अन्य स्टाफ निर्धारित क्षमता का आधा भी नहीं है।
3. पीछले वर्ष कोरोना के नाम पर पंचायत को दिया गया ग्यारह- ग्यारह लाख की राशि में 80 प्रतिशत से ज्यादा का घोटाला हो गया। सुशासन बाबू द्वारा आखिर पंचायतवार खर्च किया गया राशि को सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया ?
एक कहावत है कि भोज के दिन कोहड़ा रोपना। सुशासन बाबू का बहुत ही हास्यास्पद घोषणा उनके द्वारा कल कहा गया कि संविदा पर डाक्टरों एवं संबंधित स्टाफ का बहाली किया जाएगा। यह भोज के दिन कोहड़ा रोपने के कहावत को व्यवहारिक रूप में चरितार्थ करता है।
5. यह सच्चाई है कि अस्पताल में कोरोना मरीज के इलाज में कुछ/ ज्यादातर डाक्टरों द्वारा लापरवाही किया जा रहा है। कोरोना विमारी के इलाज के लिए अस्पताल में जाने वाले और उसका परिवार किसी भी प्रकार के वाद-विवाद या लड़ाई-झगड़ा नहीं करना चाहता है। वह सिर्फ अपने मरीज का हर संभव इलाज चाहता है। लेकिन डाक्टरों के लापरवाही के कारण जब मरीज है तो डाक्टरों के साथ किसी भी प्रकार का वाद-विवाद या लड़ाई-झगड़ा होता है।
6, औरंगाबाद में कोरोना के मरीज के मरने के बाद डाक्टरों के साथ झगड़ा का मूल कारण है कि उस मरीज को समय पर आक्सीजन नहीं लगाया गया। डाक्टर नहीं थे और नर्श द्वारा कहा गया कि आक्सीजन लगाने का काम फोर्थ ग्रेड कर्मचारी का है। कितना दु:खद है ? एक मरीज इसलिए अपना दम तोड़ दिया कि डाक्टर या नर्श द्वाराआक्सीजन नहीं लगाया गया।
7. आए समाचार के अनुसार मगध मेडिकल कॉलेज, गया में कोरोना के कई मरीज इस लिए अपना दम तोड़ दिए कि उन्हें समय पर अॉक्सीजन नहीं लगाया गया।
बिहार के जीरो भ्रष्टाचार के सुशासन में जितना भ्रष्टाचार है उतना शायद देश के किसी अन्य राज्य में नहीं है। सुशासन बाबू द्वारा सिर्फ सब कागज पर सुशासन और जीरो भ्रष्टाचार है। बिहार के सभी संस्थाए फेल हो गया है और ज़ोर शोर का बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार है।
सामाजिक कार्यकर्ता व आर टी आई कार्यकर्ता श्याम मुरारी प्रसाद ने कहा है कि अधिकांश तह सिर्फ कागज पर ही हुआ धरातल स्तर पर क्या हुआ?यहाँ की जनता भली भांति अवगत है सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट भी संज्ञान में ले चुके और सरकार को फटकार भी लगी, ये तो है हमारे सरकार की पहल। 

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