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अब हैदराबाद के चिड़ियाघर में 8 शेरों में कोरोना जैसे लक्षण

तेलंगाना प्राणी उद्यान के निदेशक और एपीसीएफ डॉक्टर एस कुकरेती ने कहा कि अब इन शेरों को प्राणी उद्यान में अन्य जानवरों से अलग रख दिया गया है और उनका उचित इलाज किया जा रहा है. इलाज का उन पर असर हो रहा है और उनकी स्थिति में सुधार हो रहा है.

हैदराबाद| हैदराबाद के नेहरू प्राणी उद्यान (NZP) के 8 एशियाटिक शेरों में कोरोना संक्रमण के लक्षण पाए गए हैं. इस प्राणी उद्यान के 24 शेरों का नमूना सेंटर फ़ॉर सेल्यूलर एंड मॉलेक्युलर बायोलॉजी (CCMB) जांच के लिए भेजा गया था, जिसके बाद 24 अप्रैल को इनमें से कुछ शेर संक्रमित पाए गए. इन शेरों के नमूने का सीसीएमबी में टेस्ट हुआ. सीसीएमबी में कोरोना वायरस के नमूने के जीनोम का विश्लेषण होता है पर विशेषज्ञों ने इस संक्रमण को चिंताजनक नहीं बताया है.
नेहरू प्राणी उद्यान की क्योरेटर सुभद्रा देवी का कहना है कि लायन सफ़ारी में रह रहे शेरों के नाक से जब हमने कुछ निकलते देखा तो हमने उनके नमूने को जांच के लिए भेजने का फ़ैसला किया यह जानने के लिए कि कहीं उनको कोई वायरल या संक्रमण तो नहीं हो गया है.

इलाज के लिए अलग रखे गए प्राणी उद्यान के शेर

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तेलंगाना प्राणी उद्यान के निदेशक और एपीसीएफ डॉक्टर एस कुकरेती ने कहा कि अब इन शेरों को प्राणी उद्यान में अन्य जानवरों से अलग रख दिया गया है और उनका उचित इलाज किया जा रहा है. इलाज का उन पर असर हो रहा है और उनकी स्थिति में सुधार हो रही है.
LaCONES-CCMB में वैज्ञानिक-इंचार्ज डॉक्टर कार्तिकेयन ने कहा कि जब से कोरोना महामारी शुरू हुई है, कई प्राणी उद्यानों और पशु शालाओं ने सूचित किया था कि उनके जानवरों को लोगों से संक्रमण हो गया है. वर्तमान स्थिति में भारतीय प्राणी उद्यानों में सुरक्षा के नियमों का कड़ाई से पालन करना ज़रूरी है, ताकि संक्रमण इन पशुओं में नहीं फैले. हमें बहुत ही सावधानी से कोरोना वायरस के कारण जानवरों में पाए जाने वाले लक्षणों को दर्ज करना है और इसके साथ ही ऐसा कोई तरीक़ा अपनाना है जिससे पशुओं के शरीर पर कोई घाव किए बिना उनके शरीर से नमूने लिए जा सकें. पशुओं के नाक या गले से नमूना लेना बहुत ही मुश्किल होता है.’

पशुओं में कोविड संक्रमण की जांच के लिए हैं 4 केंद्र

भारत में बाड़े में रखे गए पशुओं में कोविड-19 के संक्रमण की जांच के लिए चार केंद्र हैं और LaCONES-CCMB इनमें से एक है. CCMB के एडवाइज़र डॉक्टर राकेश मिश्रा ने कहा कि हम अब पशुओं के मल के नमूने की जांच से इन संक्रमण का पता लगाने की संभावनाओं की तलाश कर रहे हैं. बाड़े में रखे गए और मुक्त दोनों ही तरह के पशुओं में संक्रमण की जांच का यह उपयोगी तरीक़ा हो सकता है.