रिश्वत में अस्मत मांगने वाला एसीपी कैलाश चंद बोहरा सस्पेंड
जयपुर. पुलिस विभाग में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार को रोकने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सख्त कदम उठाते हुए रिश्वत के तौर अस्मत मांगने के आरोपी एसीपी कैलाश बोहरा को निलंबित कर दिया है. राज्य के गृह विभाग ग्रुप-1 ने बोहरा को निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए हैं.

संयुक्त शासन सचिव पुलिस रामनिवास मेहता के हस्ताक्षर से जारी आदेश के अनुसार कैलाश चंद बोहरा का निलंबन के दौरान कार्यकाल मुख्यालय कार्यालय पुलिस आयुक्त, आयुक्तालय जोधपुर के कार्यालय में रहेगा. कैलाश चंद बोहरा सहायक पुलिस आयुक्त महिला अत्याचार अनुसंधान यूनिट, जयपुर शहर पूर्व पुलिस आयुक्तालय जयपुर के विरुद्ध विभागीय जांच/ अपराधिक प्रकरण भी लंबित है.

एसीबी ने आरोपी को आपत्तिजनक हालत में पकड़ा था
राज्य सरकार ने नियम-1958 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए आरपीएस कैलाश चंद बोहरा को निलंबित किया है. जयपुर कमिश्नरेट के ईस्ट जिले में महिला अत्याचार अनुसंधान यूनिट में तैनात एसीपी कैलाश चंद बोहरा ने एक पीड़िता को रविवार को छुट्टी के दिन डीसीपी ऑफिस स्थित अपने कार्यालय बुलाया और कमरा बंद कर दुष्कर्म का प्रयास किया. इसी दौरान एसीबी ने आरोपी को आपत्तिजनक हालत में पकड़ लिया. एसीबी डीजी बीएल सोनी ने बताया कि पीड़िता ने 7 दिन पहले एसीबी में शिकायत देकर बताया कि उसने पुलिस में 3 केस दर्ज कराये हैं. इनमें से एक दुष्कर्म का है. उसकी जांच आरपीएस बोहरा के पास थी. कार्रवाई के विरोध में बोहरा ने कई बार रुपयों की मांग की. इसके बाद घूस के रूप में अस्मत मांगी.
RPS बोहरा इंस्पेक्टर से हुए थे पदोन्नत
कैलाश चंद बोहरा 2 साल पहले इंस्पेक्टर से पदोन्नत होकर आरपीएस बने थे. आरोपी बोहरा 1996 में बतौर सब-इंस्पेक्टर पुलिस में भर्ती हुए थे. 2 साल पहले ही बोहरा पदोन्नत होकर आरपीएस बने थे. 2010 में जयपुर में सदर थाना प्रभारी रहते हुए बोहरा ने आर्म्स एक्ट के तहत एक ज्वेलर सहित दो युवकों को गिरफ्तार किया था. पिछले दिनों हाईकोर्ट ने बोहरा सहित आधा दर्जन पुलिसकर्मियों के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दिए थे.