सरकार बोली मास्क लगवाओ, अफसरों ने टीम बनाने में पूरा दिन ही निकाल दिया

निगम की युवतियां बिना मास्क वालों के पीछे दौड़ती रहीं, लोगों ने गाड़ी नहीं रोकी

कोरोना संक्रमण एक बार फिर बढ़ने की आशंकाओं को ध्यान में रखते हुए बुधवार को दोपहर 3 बजे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 4 मंत्रियों और अफसरों की आपात बैठक बुलाई और निर्देश जारी किए – गुरुवार को सुबह से राजधानी समेत प्रदेश में मास्क अनिवार्य, नहीं लगाने वालों पर 100 रुपए जुर्माना।

इस सख्त निर्देश पर गुरुवार को कितना अमल हुआ, यह जानने के लिए राजधानी में दोपहर 12 बजे निकली और 3 बजे तक रही। यह हैरतअंगेज ही था कि राजधानी के किसी चौराहे पर पुलिसवाले मास्क की कार्रवाई करते ही नहीं दिखे। यही नहीं, चौराहों पर रूटीन में तैनात या फील्ड पर काम करनेवाले अधिकांश पुलिसकर्मी खुद मास्क में नहीं थे।कार्रवाई के नाम पर नगर निगम ने तीन-चार चौराहों पर कर्मचारी युवतियों को उतारा, जो मास्क की अनिवार्यता पर पहले भी कार्रवाई कर चुकी हैं। लेकिन गुरुवार को ज्यादातर युवतियां बिना मास्क वालों को रोकने की कोशिश करती रहीं, गाड़ियों के पीछे भागीं भी लेकिन कोई रुका नहीं।सिस्टम क्यों नहीं बना, इस पर अफसरों ने शहर सरकार कैंप और विधानसभा सत्र का हवाला देते हुए कहा-आज टीम बनाई है, शुक्रवार से कार्रवाई करेंगे। जयस्तंभ चौक, शारदा चौक, कोतवाली चौक, फाफाडीह चौक, गोलबाजार, शास्त्री चौक, नगर घड़ी चौक और शंकरनगर चौक और अनुपम नगर चौक का सर्वे किया।

दोपहर करीब 12.30 बजे अनुपम गार्डन के सामने जीई रोड पर स्कूटर पर तीन सवारी युवक निकले, किसी ने मास्क नहीं पहना था। निगम की कर्मचारियों ने उन्हें रोकने की कोशिश की, नहीं रुके तो पीछे-पीछे गईं लेकिन युवक कट मारते हुए निकल गए। निगम कर्मचारी युवतियां ही मास्क पर कार्रवाई के लिए मोर्चे पर नजर आईं।उनमें से कई ने  बताया कि ज्यादा लोग मास्क नहीं लगाए हुए हैं और रुक भी नहीं रहे हैं। कुछ तो धमकीभरे अंदाज से मना कर रहे हैं, क्योंकि साथ में पुलिस नहीं है। जयस्तंभ चौक और शारदा चौक पर तो पूरा दिन एक-एक सिपाही ही नजर आए। वे ट्रैफिक कंट्रोल कर रहे थे। चौराहों पर तैनात ज्यादातर पुलिसवालों ने कहा कि निर्देश नहीं है, जांच कैसे शुरू कर दें? हालात ये हैं कि थानों से लेकर फील्ड तक, अधिकांश अफसर-कर्मचारी ही मास्क उतार फेंक चुके हैं।

मास्क का फायदा – निमोनिया, टीबी केस आधे, स्वाइन फ्लू हुआ ही नहीं
कोरोनाकाल में लोगों के मास्क लगाने का फायदा ये हुआ कि वायरस व बैक्टीरिया से होने वाली बीमारियों के मरीज आधे से भी कम हो गए। कोरोनाकाल में स्वाइन फ्लू का एक भी मरीज नहीं मिला, जो एक रिकार्ड है। जबकि 2019 में 50 से ज्यादा मरीज मिले थे।

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जहां तक निमोनिया का सवाल है, अंबेडकर अस्पताल में 2019 में इसके करीब 500 केस आए थे। कोरोना काल में इसकी संख्या घटकर 225 ही रह गई। इसी तरह, टीबी के मरीज भी 367 ही मिले हैं, जबकि 2019 में यह संख्या 550 थी।

इस तरह बचाता है मास्क : जब कोई व्यक्ति मास्क पहनता है वह दूसरे लोगों के मुंह से निकले बीमारी के कणों से बचता है। फिजिशियन डॉ. सुरेश चंद्रवंशी व प्लास्टिक सर्जन डॉ. कमलेश अग्रवाल के अनुसार टीबी का मरीज एक बार खांसे तो आसपास के 20 लोगों को संक्रमित कर सकता है।

मास्क से कोरोना भी कम : अंबेडकर अस्पताल में रेस्पिरेटरी मेडिसिन के एचओडी डा. आरके पंडा के अनुसार लोग मास्क पहन रहे हैं, इसलिए कोरोना के मरीज भी कम आ रहे हैं। अंबेडकर में ही शिशुरोग विभाग की एचओडी डा. शारजा फुलझुले के अनुसार बच्चों में सर्दी-खांसी व निमोनिया तेजी से फैलता है। लोगों ने मास्क पहना, इसलिए बच्चे कम संक्रमित हुए।

स्वाइन फ्लू व सर्दी-खांसी, निमोनिया में भी वायरस मुंह के जरिए फैलने की आशंका रहती है। कोरोना के कारण सीनियर गेस्ट्रो सर्जन डॉ. देवेंद्र नायक व पीडियाट्रिक सर्जन डॉ. अमीन मेमन के अनुसार अगर लोग मास्क न पहनते तो कोरोना मरीजों की संख्या और ज्यादा होती, जो अभी 55400 है।


डॉ. एस भारतीदासन, कलेक्टर
सार्वजनिक जगहों पर आज से बिना मास्क प्रवेश नहीं

सवाल – सीएम के आदेश के बाद भी शहर में मास्क की जांच शुरू नहीं की गई?
– कर्मियों की टीम बनी है। कई जगहों पर निगम ने जांच की।
सवाल – नाइट कर्फ्यू या लॉकडाउन की चर्चाएं सोशल मीडिया में फैली हैं?
– हमारी इस तरह की कोई योजना नहीं है। इसका फैसला सरकार करेगी।
सवाल – सार्वजनिक जगहों पर बिना मास्क के लोगों पर सख्ती होगी या नहीं?
– आज से सख्ती करेंगे। किसी दफ्तर या सार्वजनिक जगह पर बिना मास्क प्रवेश नहीं देंगे।