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महिलाओं ने तिज का व्रत किया और चतुर्थी में अपना व्रत खोला

भगवान शिव की आराधना कर सुखमय जीवन और सौभाग्यवती होने का मांगा वरदान

दुर्ग (दबंग प्रहरी समाचार)। तीज का त्योहार केवल  छत्तीसगढ़ में ही नहीं बल्कि पूरे भारतवर्ष में और सभी सनातन महिलाओं में पाया जाता है। मान्यता यह है कि यह व्रत महिलाएं अपने सुख में भविष्य और सौभाग्यशाली पति की कामना करते हुए सौभाग्यशाली  जीवन पाने का भगवान शिव से वरदान मांगती हैं और भगवान शिव उनकी मनोकामनाओं को पूरा करते हैं। यह त्यौहार भादो मास की दूसरी पक्ष में दूसरे दिन इस व्रत की तैयारी के रूप में रात्रि में कड़वा भात खाने का विधान है यानी इसमें भोजन के साथ करेली का प्रयोग खाने में किया जाता है। इसे खाकर ही रात्रि 12:00 बजे से उपवास शुरू हो जाता है तीज का, तीज के दिन महिलाएं निराहार रहती हैं और इस दिन भोले महादेव बाबा का विशेष श्रृंगार किया जाता है उन्हें फुलेरा से सजाया जाता है। यह फुलेरा तीज के त्यौहार का महत्वपूर्ण हिस्सा है ।इस फुलेरा में महिलाएं पूरी तरह साज सँवरकर श्रृंगार कर बाबा भोले का दर्शन करती हैं और उन्हें श्रृंगार फल आदि समर्पित करती है उनकी पूजा करती है ।उनकी कथा सुनते हैं इसके इसके बाद रात्रि जागरण का भी इस व्रत में विधान है।

तीज के दूसरे दिन सुबह फिर बाबा भोले के दर्शन कर अपना निर्जला व्रत खोलतीं है और फलाहार भोजन आदि करती है ।

छत्तीसगढ़ मैं महिलाओं का मुख्य त्योहार

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 छत्तीसगढ़ में यह महिलाओं का मुख्य त्यौहार है इस त्यौहार की तैयारी घर के बड़े बुजुर्ग पहले ही कर लेते हैं वह अपने बहन बेटियों को अपने घर यानी अपने यहां लाने के लिए निमंत्रण भेजते हैं लाने जाते हैं । इस त्यौहार में अपनी बहन बेटियों को साड़ियां आभूषण आदि भेंट स्वरूप दिए जाते हैं ।साथ ही इस त्यौहार में विशेष तरह का व्यंजन भी बनाया जाता है जिसमें ठेठरी,खुरमी ,बिनसा यानी दूध का बना हुआ विशेष पकवान पुरी कढ़ी सिंघाड़ा शामिल है।

शिव मंदिर में रही महिलाओं की भीड़

शिव मंदिर में जहां फुलेरा रखा हुआ था वहां महिलाओं की भीड़ देखते ही बनती थी सभी तरह की महिलाएं अपने अलग-अलग वेशभूषा में अपने भगवान शिव का पूजन करने आई थी, भीड़ का कारण यह था कि हमारे देश के अंतरराष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा सीहोर वाले ने बताया था कि तीज पूजा व्रत के दिन पांच फुलेरा का दर्शन सभी को करना चाहिए ऐसा करने से उनकी जो भी मनोकामनाएं हैं वह एक वर्ष में भोले बाबा पूरा करते ही हैं यह सुनने के बाद महिलाओं का जुनून देखते ही बनता था देर रात तक महिलाओं का आना-जाना मंदिर शिवालय में लगा था, कई मंदिर तो रात भर जागरण के लिए खुले हुए थे।

हर हर महादेव 🚩