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प्रशासन मनमानी से बाज आये नही तो जनता सबक सिखाएगी : अमित भटनागर।

प्रकाशनार्थ 31/01/2023

 

केन बेतवा प्रभावितों की महापंचायत में उमड़ा जन सैलाब हजारों की संख्या में आये लोग।

 

प्रशासन मनमानी से बाज आये नही तो जनता सबक सिखाएगी : अमित भटनागर।

 

जन आक्रोश बना जन आंदोलन गाँव गाँव से पैदल आये ग्रामीण।

 

बिजवार, छतरपुर// प्रसाशन की प्रताड़ना के खिलाफ प्रभावितों की पद यात्रा को व्यापक जन समर्थन के बाद 15 प्रभावित गांवों की महापंचायत में उमड़े जन सैलाब ने प्रशासन को सकते में डाल दिया। महापंचायत में ज्यादातर प्रभावित तो पैदल चल कर आये थे। कार्यक्रम के नेतृत्वकर्ता व सामाजिक कार्यकर्ता अमित भटनागर ने कहा कि ये बहुत पिछड़ा क्षेत्र है, इतनी बड़ी संख्या में गांव गांव से पहली बार अपना हक माँगने निकल के सामने आए हैं, अभी भी प्रशासन अपनी मनमानी से बाज नहीं आया तो फिर जनता प्रशासन को अच्छे से सबक सिखाएगी। तिरंगा पदयात्रा की के संयोजक व पलकौहा के पूर्व सरपंच जमुना ओमरे ने कहा कि प्रशासन जनता को आत्मघाती कदम या हिंसा पर उतारू कर रहा है, यदि कोई घटना घटती है तो उसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।

प्रतिनिधियों तक को नही दी जा रही जानकारी

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महापंचायत में प्रभावित क्षेत्र के सभी जनपद सदस्य, सरपंच, उपसरपंच पंच सहित भूतपूर्व प्रतिनिधि सम्मिलित हुए। पूर्व जिला पंचायत सदस्य व वर्तमान सुकवाहा सरपंच रहीश रानी भगवान सिंह, पलकौहा सरपंच सावित्री जगन्नाथ यादव सहित जन प्रतिनिथियों ने प्रशसन की मनमानी के खिलाफ तीखा आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि प्रशासन मनमानी पर उतारू है, हमे केन बेतबा संबंधी किसी भी धारा या कार्यवाही की कोई जानकारी नही दी गई। प्रतिनिधियों का कहना था केन बेतवा लिंक परियोजना में हमारे गांव विस्थापित होना है लेकिन हमें प्रशासन द्वारा कोई भी विधिवत जानकारी नहीं दी जाती है। गांव में इस आशय से सम्बंधित कोई भी ग्रामसभा, आमसभा या जन सुनवाई की गई। प्रतिनिधियों ने कहा कि कब धारा 11 लगी अभी कौन सी धारा लगी उनको कुछ नहीं पता। प्रतिनिधियों का कहना था कि जनता का गुस्सा जायज है। वह हर कदम में जनता के साथ हैं प्रशासन अभी भी अपनी मनमानी से बाज नहीं आया तो जोरदार आंदोलन किया जाएगा।

आंसू बन समाने आया प्रभावितों का दर्द

प्रशासन की प्रताड़ना से अपनी बात कहते कहते कई ग्रामीण रो पड़े, प्रभावितों का कहना था कि वह कई दशकों से प्रशासन की मनमानी व भ्र्ष्टाचार  सहते आ रहे है, उन्होंने तो लुटते लूटते अपनी जिंदगी काट ली, पर वह अपने बच्चों का भविष्य चौपट नही होने देंगे। प्रभावितों ने बड़ी संख्या में सामाजिक कार्यकर्ता अमित भटनागर के नेतृत्व में कई बार छतरपुर तक जा कर ज्ञापन दिए पर उन पर कोई कार्यवाही न होने पर प्रभावितों को मजबूर होकर आंदोलन का रास्ता पकड़ना पड़ रहा है।

प्रभवितों की महापंचय काभी देर तक चली प्रभवितों ने कई कड़े निर्णय लिए, खबर लिखे जाने तक प्रभवितों द्वारा प्रशासन के खिलाफ बड़ी रैली व जल सत्याग्रह की बात की जा रही थी।

ये रहे शामिल

महापंचायत में पूर्व जिला पंचायत सदस्य व पंचायत सरपंच रहीस रानी भगवान सिंह, खरयानी से सरपंच रतिराम अहिरवार, पल्कोहॉ से सरपंच साबित्री-जग्गनाथ यादव, सुखवाह जनपद सदस्य समीक्षा-पुष्पेंद्र सिंह, किशनगढ़ वार्ड से जनपद सदस्य भगवानदास गौड़, कूपी सरपंच हल्कीबाई हल्काई राजा, राईपूरा सरपंच नीलेश प्याशी, कदवारा सरपंच हद्दु लोधी, बार्ड नंबर 09 पार्षद दिव्या अहिरवार, कुपिया के पूर्व सरपंच बहादुर आदिवाशी, सचिन चौबे, बीरेंद्र मिश्रा, संतोष यादव, संतोष मिश्रा, गौरीशंकर यादव, रामरतन गुप्ता, बृन्दावन पाल, निन्जी पाल, कनछेदी आदिवाशी, देवेन्द आदिवासी, अरविंद वर्मा, दसरथ रैकवार, पुष्पेंद्र दुबे, भगतराम तिवारी, तुलसी पटेल, गोलू राजा परमार, शंकर सिंह, पूरन राजपूत, देवीदीन कुशवाहा, रामप्रसाद पटेल, अमृत अहिरवार, अंकित राजपूत, हिसाबी राजपूत, महेश विष्वकर्मा, मानक रैकवार, बालकिशन रैकवार, गोकल सिंह, नरेंद सिंह, अमान सिंह, करन सिंह सहित हजारों प्रभावित व समाजसेवी सम्मिलित हुए।

पहले लड़े थे गोरों से अब लड़ेंगे चोरों से, हम अपना अधिकार माँगते नाही किसी से भीख माँगते आदि नारो के साथ ये तिरंगा पद यात्रा में यात्रा में बिजावर से वार्ड नंबर 09 कि पार्षद दिव्या अहिरवार, कुपिया से पूर्व सरपंच बहादुर आदिवासी, हिसाबी राजपूत, गोलू राजा परमार, पूरन राजपूत, हनुमत राजगोड़, वृंदावन पाल, मोहन पाल, शंकर सिंह परमार, दशरथ रैकवार, मानक रैकवार, उमेद पटेल, शिवराज आदिवासी, नत्थू रैकवार, अखिलेश यादव, जगदीश पुजारी, अरविंद आदिवासी, तिलोक आदिवासी, लक्ष्मी प्रसाद यादव, राजकुमार सिंह, सचिन चौबे, सुखी रैकवार, संतोष अनुरागी, चंगे यादव, पुष्पेंद्र दुबे, हरिप्रसाद यादव, देवेंद्र बंसल, अनिल विश्वकर्मा, रमेश यादव, बिहारी आदिवासी, मुन्ना यादव, मनोहर अहिरवार, लोकेंद्र यादव, बसंत आदिवासी, शिवरतन यादव, रामसेवक यादव, हरिदास अहिरवार, अजय आदिवासी, विजय आदिवासी, राजेश रैकवार, कल्लू यादव, कमलेश आदिवासी आदि सहभागी रहेl