सीधी हादसा-दोस्ती ऐसी कि जिये भी साथ और मरे भी साथ
सीधी | सबने यह तो सूना होगा की दोस्ती में लोग कसमें खाते है की जियेंगे भी साथ में मरेंगे भी साथ में ,लेकिन दोस्ती कभी नहीं तोड़ेंगे ,यह बात यहाँ सीधी बस दुर्घटना में चौथे दिन देखने को मिला | चौथे दिन पहले रमेश का और फिर उसके दोस्त योगेंद्र का शव मिला,इन दोंनों के बीच बहुत ही गहरी दोस्ती थी,घटनास्थल से करीब 28 किलोमीटर दूर गोविंदगढ़ थाना क्षेत्र में 1 किलोमीटर के अंतराल पर दोनों का शव मिला|दोनों की दोस्ती ऐसी थी की अंतिम सफर भी दोनों ने साथ ही तय किया एक ही सीट पर बैठे हुए हादसे के बाद भी दोनों लापता भी साथ हुए और हादसे के चौथे दिन मिले भी तो साथ साथ |दोनों की लाशें एक साथ देखकर गाँव वालों की आँखों से आंसू थमने का नाम ही नहीं ले रहा था |

