आखिर क्यों जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन को नगपुरा में बस के ठोकर से मृत होने पर मुआवजा मांगने पर कठोर निर्णय लेना पड़ा
मामले बनते बनते बिगड़ा ,जिया ट्रेवल्स द्वारा इलाज की जिम्मेदारी ना उठाये जाने से नाराज़ ग्रामीणों ने आन्दोलन बढ़ने का लिया निर्णय जबकि जिया ट्रेवल्स द्वारा इलाज़ और बीमा की राशि दिलवाने यथा संभव प्रयास करने का दिया जा रहा आश्वाशन भी कोई काम नहीं आया। जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन को सुलह की कोशिस रही नाकाम
जिला एसडीएम मुकेश रावटे,सीएसपी वैभव बैंकर,ट्रेफिक डीएसपी सतीष ठाकुर की सभी को कोशिशें पर ग्रामीणों का अड़ियल रवैय्या ने फेरा पानी
दुर्ग [दबंग प्रहरी समाचार] । 26 नवम्बर को नागपुर ग्राम पंचायत में जिया ट्रेवल्स की बस ने एक महिला जानकी साहू [40 वर्ष व बच्चा वेंकटेस [उम्र २४ वर्ष]की स्कूटी को बुरी तरह ठोकर मार दिया जिससे दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए । ग्रामीणों की सहायता से उनको हास्पिटल ले जाया गया जहाँ कल 29 नवम्बर को सुबह महिला की मौत हो गई । इस समय तक सम्बंधित थाना जिसमें पुलगांव थाना ,बोरी थाना ने अपने हाथ से पल्ला झाड लिया और जहाँ ये घायलों की भर्ती यानी शंकराचार्य हास्पिटल जुनवानी के सम्बंधित थाना के ऊपर मामला दर्ज करने की बात की । इस विवाद की स्थित में एक तरफ उस मृतक महिला का पोस्टमार्टम नहीं हो पा रहा था ताम वहां के ग्रामीण नेता ने समबन्धित पुलिस चौकी यानी पुलगांव को मामला दर्ज कर अपने हाथ में लेने को कहा तब्कहीं जाकर उस मृतक महिला का पोस्टमार्टम हो पाया ।

इस घटना से त्रस्त गांववालों के तरफ से धर्मेन्द्र देशमुख के साथ दुर्ग कलेक्टर पुष्पेन्द्र मीणा से मृतक की मौत पर 50 लाख रूपए की मुआवजा राशि दिलवाने की बात की और प्रशासन को चेतावनी भी दी की अगर उनकी मांगों को अनदेखा किया जाता है तो घटना स्थल नागपुर गाँव में चोराहे पर चक्काजाम किया जाएगा ।

गाँव वालों की चेतावनी को देखते हुए प्रशासन ने उस चौक पर पुलिस व्यवस्था बढ़ा दी थी। ग्रामीणों की बातिन पर नगपुरा में ही मांगों पर व स्थिति से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने कार्यपालिक मजिस्टेट बिसेन जी को भी भेजा लेकिन इस पर भी बात नहीं बनी । गाँव वालों ने एस. डी.एम. को बुलवाने और जिया ट्रेवल्स से 50 लाख रुपये दिलवाने की बात अधिकारीयों पर ग्रामीणों ने अपना आन्दोलन प्रारंभ पर दिया ,। चौक से गुजरने वाले वाहनों को रोका गया।
बस की ठोकर से मौत पर ग्रामीणों के मुआवजा माँगने पर बाधा विवाद प्रशासन ने लिया सख्त निर्णय
सुबह लगभग 11:00 से ही नागपुरा चौक में ग्रामवासियों का भी लगना शुरू हो गया था जिसे देखते ही प्रशासन ने वहां अपनी निगरानी बढ़ा दी और अपने तरफ से नायब तहसीलदार कार्यपालक मजिस्ट्रेट ढाल सिंह बिसेन को भेजा ग्रामीणों ने उनको अनदेखा कर किसी वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी को वहां बुलाने को कहा। मामला देखते हुए वहां पुलिस प्रशासन और कार्यपालिक मजिस्ट्रेट ने उच्च कार्यालय को सूचना दी जहां से दुर्ग एसडीएम मुकेश रावटे और दुर्ग सीएसपी वैभव बैंकर तत्काल पहुंचे उन्होंने वहां पर ग्रामीणों से बात करनी चाहिए। ग्रामीणों की मांग थी कि जिया ट्रेवल्स की बस को तुरंत ही यहां बंद किया जाए उसकी परमिट रद्द कर दी जाए क्योंकि हमेशा से ही उस ट्रेवल्स के कर्मचारी यात्रियों से और उस रास्ते में आने वाले सभी गांव के निवासियों के साथ अभद्रता पूर्वक व्यवहार करते हैं साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पहले भी जिया ट्रैवल्स कई तरह की वारदातों को अंजाम दे चुका है इसलिए तुरंत ही इस ट्रेवल्स को बंद किया जाना चाहिए साथ ही उन्होंने यह मांग की कि पीड़ित के परिवार को मुआवजा राशि दी जाए तब एसडीएम मुकेश रावटे ने कहा कि प्रशासन की तरफ से 25000 रुपये दिया जा रहा है और जो भी प्रशासनिक व्यवस्था होगी उसके तहत उन्हें भुगतान कर दिया जाएगा और आरटीओ को भी वे इस बात से अवगत करदेंगे ,साथ ही ग्रामीणों की दूसरी मांग कि इस पूरा मार्ग पर गति अवरोधक स्पीड ब्रेकर बनाए जाए गति नियंत्रक स्थापित करें उसकी मांगों पर भी सीएसपी वैभव बैंकर ने कहा कि इस कार्य को वह जल्दी पूरा कराएंगे साथ ही उन्होंने सुरक्षा का आश्वासन देते हुए यह भी कहा कि पंचायत से बात कर चौक में सीसीटीवी कैमरे भी लगाएंगे ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना ना घर सके और जो भी घटना हो वह सीसीटीवी कैमरे में कैद हो ताकि सभी को न्याय मिल सके सब की सुरक्षा हो सके ग्रामीणों की अगली मांग थी कि जिया ट्रेवल्स द्वारा मुआवजे की राशि बढ़ाई जाए उन्हें पता चला था कि या ट्रेवल्स के द्वारा ₹10000 रूपए मुआवजा राशि देने की बात हुई है उन्होंने दुर्ग एसडीएम और दुर्ग सीएसपी से जिया ट्रेवल्स के जिम्मेदार व्यक्ति को घटनास्थल पर बुलाने को कहा जिस पर जिया ट्रेवल्स के द्वारा वहां मैनेजमेंट देखने वाले अशफाक कुरैशी पहुंचे वहां पर उन्होंने ग्रामीणों के समक्ष अपनी बात कही जिस पर ग्रामीणों ने उनकी बात को नकारते हुए मौजा राशि बढ़ाने की मांग की साथ ही हर व्यक्ति के उपचार की पूरी जिम्मेदारी लेने को कहा जिया ट्रेवल्स के द्वारा मुआवजा राशि को धीरे-धीरे बढ़ाते हुए ₹50000 रूपए तक ले जाया गया लेकिन उनके द्वारा घायल व्यक्ति के इलाज की जिम्मेदारी नहीं ली गई। अशफाक कुरैशी ने कहा कि बीमा की राशि दिलवाने के लिए वे पूरी तरह पीड़ित परिवार के साथ है वह हर प्रकार की कागजी और न्यायिक कार्यवाही में उनका साथ देंगे इस पर भी ग्रामीणों ने उनकी बात को नहीं मानी यह सिलसिला लगभग 2 घंटे चलता रहा आखिर में उनकी बात ना मानकर ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट घेराव अगले दिन करने की बात कही जिस पर सीएसपी वैभव बैंक करने एसडीएम मुकेश रावटे से बात करते हुए स्पष्ट निर्देश दिए कि आपको अपनी बात कहने के लिए कल कलेक्ट्रेट कार्यालय आ सकते हैं लेकिन आंदोलन यहीं समाप्त करना होगा अन्यथा वे प्रशासनिक दंडात्मक कार्यवाही करने से नहीं खींच लेंगे उनकी बातों को ग्रामीणों द्वारा नकार कर चौक चौराहे पर जमकर बैठ कर नारेबाजी की नतीजा यह रहा की सीएसपी द्वारा प्रतिबंधात्मक कार्यवाही करते हुए आंदोलनकारियों को गिरफ्तार किया गया जिस पर ग्रामीणों में भगदड़ मच गई और वे इधर-उधर भागने लगे जिस प्रकार से यह घटनाक्रम बिता उसमें पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन ने पीड़ित के परिजन को स्पष्ट कहा कि वे हर स्थिति में उनके साथ हैं वे उनके साथ अन्याय नहीं होने देंगे और घायल के इलाज यथासंभव अच्छे से अच्छे करवाने के लिए वे प्रयत्न करेंगे।
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