जशपुर [दबंग प्रहरी]। जशपुर जिले के फरसाबहार ब्लॉक स्थित छिरोटोली प्राथमिक शाला में शराबी शिक्षकों के कारण छात्र-छात्राओं ने अपना नाम स्कूल से कटवा लिया है। माता-पिता ने अपने बच्चों का नाम इस स्कूल से कटवाकर 2 किलोमीटर दूर टोंगोटोली में करा दिया है।

छोरोटोली शासकीय प्राथमिक शाला ग्राम पंचायत कंदईबहार में है। इसमें 16 बच्चों का नाम पंजीकृत किया गया था। इन्हें पढ़ाने के लिए दो शिक्षकों की पदस्थापना भी शिक्षा विभाग ने की थी। बच्चों ने बताया कि ये दोनों शिक्षक शराब पीकर स्कूल आते थे, जिससे उन्हें डर लगता है। उन्होंने कहा कि नशे में धुत शिक्षक उन्हें पढ़ाते भी नहीं थे। इसके बाद उन्होंने अपने माता-पिता को ये बात बताई, तो उन्होंने यहां से अपने बच्चों का नाम कटवा दिया।

बच्चों ने बताया कि अब वे टोंगोटोली शासकीय प्राथमिक शाला में पढ़ते हैं और यहां उन्हें बहुत अच्छा लगता है। इधर सभी बच्चों के निकल जाने से छिरोटोली प्राथमिक शाला में ताला लटकने की स्थिति आ गई है। इससे पहले इन शराबी शिक्षकों को हटाने की मांग को लेकर अभिभावकों ने कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी से शिकायत की थी, लेकिन अधिकारियों ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया था। इससे निराश होकर पालकों ने गांव में ही बैठक बुलाई थी और इस स्कूल से अपने बच्चों को निकालने का सामूहिक निर्णय लिया था।
पालकों ने बताया कि शराब के नशे में धुत शिक्षकों से बच्चों की सुरक्षा को भी खतरा है, साथ ही उनकी शिक्षा भी प्रभावित हो रही है। इस फैसले के बाद सभी पालकों ने स्कूल से अपने बच्चों के स्थानांतरण प्रमाणपत्र (Transfer Certificate) लेकर 2 किलोमीटर दूर स्थित टोंगोटोली के प्राथमिक स्कूल में बच्चों का प्रवेश दिला दिया।


हालांकि बाद में शिकायत के बाद एक शिक्षक को हटाकर शिक्षा विभाग ने महिला शिक्षक की पदस्थापना कर दी है, लेकिन अभिभावक समस्या का पूरी तरह से निराकरण होने तक बच्चों को वापस उस स्कूल में भेजने के लिए तैयार नहीं हैं। वर्तमान में छिरोटोली प्राथमिक शाला पूरी तरह से सुनसान पड़ा हुआ है और यहां ताला लटक रहा है।
BEO जशपुर सीआर भगत ने कहा कि पालकों की शिकायत पर छिरोटोली स्कूल से एक शिक्षक को हटाते हुए महिला शिक्षक को पदस्थ किया गया है। दोनों शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए संचालक को पत्र लिखा गया है।

इधर टोंगोटोली की शिक्षिका अमरबेली ने बताया कि छिरोटोली के बच्चों ने यहां एडमिशन लिया है। वे अभी वर्णमाला और अक्षर तक नहीं पहचान पा रहे हैं। उनकी पूरी कोशिश है कि वे उन्हें अच्छी पढ़ाई करवाएं। वहीं लोकसभा सांसद गोमती साय ने कहा कि कांग्रेस सरकार में शिक्षा का स्तर बहुत गिर गया है और शराब पीकर शिक्षकों का आना दुर्भाग्यपूर्ण है।
ऐसे खुला मामला
छिरोटोली के इस सरकारी स्कूल का मामला उस समय सामने आया, जब उच्च न्यायालय बिलासपुर के अधिवक्ता दिलमन मिंज अपने गृहग्राम आए। उन्होंने छिरोटोली स्कूल में लटके हुए ताले को देखकर जब स्थानीय लोगों से पूछताछ की, तो सारी बातों का पता चला। उन्होंने स्कूल की तस्वीर और वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया।
हाथियों से बच्चों की जान को खतरा
छिरोटोली से निकालकर अभिभावकों ने 2 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम टोंगोटोली में बच्चों का एडमिशन करा तो दिया है, लेकिन ये इलाका बहुत अधिक हाथी प्रभावित है। जिसके कारण अभिभावकों को चिंता लगी रहती है।