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साढ़े पांच साल का हो सकता है बीडीएस कोर्स

दिल्ली।   डेंटल सर्जन की पढ़ाई साढ़े पांच साल की हो सकती है। अभी तक यह कोर्स चार साल का है और एक साल की इंटर्नशिप होती है। इसे छह महीने और बढ़ाया जा सकता है।बैचलर ऑफ डेंटल सर्जन की पढ़ाई भी अब एमबीबीएस के बराबर समय में होगी। अभी तक बीडीएस की पढ़ाई पांच साल की होती थी। अब इसे साढ़े पांच साल करने की तैयारी चल रही है। यह जानकारी डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया (डीसीआई) के अध्यक्ष डॉ. डी मजूमदार ने दी। वह इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में इंडियन डेंटल एसोसिएशन के डेंटल शो को संबोधित कर रहे थे।

डॉ. मजूमदार ने कहा कि अभी कोर्स चार साल का है, एक साल की इंटर्नशिप होती है। पूरी पढ़ाई के लिए करीब छह माह बढ़ाया जाएगा। 1700 पेज की रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंप दी गई है। इसमें डेंटल की पढ़ाई में बदलाव के बहुत से सुझाव शामिल हैं। डॉ. मजूमदार ने कहा कि पूरी दुनिया में अब मेडिकल साइंस की पढ़ाई एक ही पैटर्न पर हो इस पर मंथन चल रहा है। यह फैसला इसी के तहत लिया जा रहा है। बीडीएस में भी सेमेस्टर सिस्टम लागू किया जाएगा। कुल नौ सेमेस्टर होंगे।

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आयोजन समिति के चेयरमैन डॉ. आशीष खरे ने बताया कि हंसते समय कई लोगों के मसूड़ें दिखाई देते हैं। इस दिक्कत को लेजर तकनीक से ठीक किया जा सकता है। दांतों के बैक्टीरिया भी लेजर तकनीक से खत्म किए जा सकते हैं।

आरसीटी के लिए बार-बार नहीं लगानी होगी दौड़
दिल्ली के दंत चिकित्सक डॉ. प्रशांत भसीन ने बताया कि दांतों में कीड़े लगने के बाद आरसीटी माइक्रोस्कोप से की जाए तो उसके बेहतर नतीजे मिलते हैं। डॉक्टर सामान्य मशीन से रूट कैनाल करते हैं। इससे मरीज को छह-सात बार अस्पताल जाना पड़ता है। माइक्रोस्कोप से आरसीटी करने में बैक्टीरिया देखकर उसे सुलभ तरीके से खत्म किया जा सकता है। केजीएमयू के डॉ. रमेश भारती ने भी कई अहम जानकारियां दीं।