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16 साल बाद महिला हाकी में भारत को मिला स्वर्ण पदक

बर्मिंघम में जमकर झूमीं भारत की बेटियां:‘सबसे आगे होंगे हिंदुस्तानी’ गाने पर भारतीय महिला हॉकी टीम का जश्न

इंडियन विमेंस हॉकी टीम ने 16 साल बाद कॉमनवेल्थ गेम्स में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया है। इसका जश्न मनातीं भारतीय महिला टीम की खिलाड़ियों का वीडियो सामने आया है। जिसमें महिला हॉकी प्लेयर्स खुशी से झूमती नजर आ रही हैं। गीत बज रहा है… सुनो गौर से दुनिया वालों…बुरी नजर न हमपे डालो। भारतीय महिला खिलाडियों का यह अंदाज फैंस को खूब पसंद आ रहा है।

न्यूजीलैंड के खिलाफ पेनल्टी शूटआउट में भारत ने मारी बाजी
कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भारतीय महिला हॉकी टीम ने न्यूजीलैंड को हराकर ब्रॉन्ज मेडल जीता है। मैच में तय समय की समाप्ति के बाद दोनों ही टीमें 1-1 की बराबरी पर थीं। इसके बाद पेनल्टी शूटआउट में भारत ने 2-1 से मैच जीत लिया। इससे पहले 2006 में इंडियन विमेंस हॉकी टीम ने कॉमनवेल्थ में सिल्वर मेडल जीता था। मुकाबला शुरू होने के बाद 29वें मिनट में भारत ने पहला गोल किया।

यह गोल सलीमा टेटे ने किया। तीसरे क्वार्टर के बाद भारत 1-0 से आगे था।आखिरी मिनट में पहला गोल दागकर न्यूजीलैंड ने बराबरी हासिल कर ली। दोनों टीमों के बीच विजेता का निर्णय पेनल्टी शूटआउट से हुआ। भारत ने पेनल्टी शूटआउट में 2-1 से मुकाबला जीत लिया। भारतीय गोलकीपर सविता ने शूटआउट में चार गोल बचाए।

ब्रॉन्ज मैच में मिली जीत के बाद सविता पूनिया से साथी खिलाड़ी लिपट गईं।
ब्रॉन्ज मैच में मिली जीत के बाद सविता पूनिया से साथी खिलाड़ी लिपट गईं।
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ऑस्ट्रेलियाई हार का गम भुला कर झूमी टीम इंडिया
प्लेयर्स के इस अंदाज को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मिली विवादास्पद हार के जवाब के तौर पर भी देखा जा रहा है। दरअसल शुक्रवार को महिला हॉकी का सेमीफाइनल मुकाबला था और हमारे पास अंग्रेजों के घर में 20 साल बाद कॉमनवेल्थ गेम्स के फाइनल में पहुंचने का मौका था।

पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पेनल्टी शूटआउट में भारत को 3-0 की शिकस्त झेलनी पड़ी। यहां टीम इंडिया खराब प्रदर्शन के कारण नहीं हारी। बल्कि रेफरी का पक्षपात भारतीय उम्मीदों को ले डूबा।

आयोजकों की लापरवाही पड़ी थी टीम इंडिया को भारी
भारत-ऑस्ट्रेलिया सेमीफाइनल मुकाबला ड्रॉ रहने के बाद पेनल्टी शूट आउट चल रहा था और दोनों टीमें 1-1 की बराबरी पर थीं। सविता ने ऑस्ट्रेलियाई स्ट्राइकर रोजी मेलोन का प्रयास विफल कर दिया था। अब भारत के पास बढ़त लेने का चांस था।

लेकिन टाइम क्लॉक समय पर शुरू नहीं हो सकी और रेफरी ने ऑस्ट्रेलियंस को एक मौका और दे दिया। जबकि इसमें टीम इंडिया की कोई गलती नहीं थी। यहां आयोजकों और हॉकी फेडरेशन की जवाबदेही थी। इसके बाद भी फैसला ऑस्ट्रेलिया के पक्ष में रहा। दूसरे मौके को भुनाने में मालोन ने कोई गलती नहीं की।

विवादास्पद हार के बाद रो पड़ी थीं सविता पूनिया
इस हार के बाद कप्तान सविता पूनिया की हताशा आंखों से आंसू बनकर निकली थी। उन्होंने कहा कि ‘इस हार से उबरने में हमें थोड़ा समय लगेगा। यह एक करीबी मैच था। हमने कड़ी मेहनत की थी, लेकिन अब हमारे पास ब्रॉन्ज मेडल के लिए आखिरी मौका है।

सविता ने आगे कहा था कि कप्तान और सीनियर खिलाड़ी के नाते अब मैं इस हार को भुलाकर आगे बढ़ना चाहती हूं। ताकि टीम न्यूजीलैंड के खिलाफ ब्रॉन्ज मेडल मैच की तैयारी करे। सविता के कहे अनुसार टीम ने ब्रॉन्ज मेडल मैच जीत लिया और उस खुशी में जश्न तो बनता है..