बड़ी ख़बर

गुड़ या चीनी क्या है उचित हमारी सेहत के लिए ?

गुड़ या चीनी किसमें कितनी कैलोरी, दोनों की सौ-सौ ग्राम मात्रा में कितना मिनरल, फैट, प्रोटीन और विटामिन

गुड़ या चीनी, दोनों गन्ने या खजूर के रस से बनते हैं। लेकिन दोनों की प्रोसेसिंग अलग-अलग तरीके से होती है। इसलिए जो तत्व गुड़ में पाए जाते हैं वो चीनी में नहीं। गुड़ में नेचुरल शुगर होती है जो इसे सूपर फूड बनाती है। साथ ही इसमें अधिक विटामिन और मिनरल्स होते हैं जबकि सुक्रोज की मात्रा चीनी के मुकाबले कम होती है।

डाइटीशियन ममता कुमारी बताती हैं कि अपने देश में गुड़ खाने की परंपरा सदियों से रही है। प्यास लगी हो तो पहले थोड़ा गुड़ खाओ, फिर पानी पीओ। खाने-पीने की दूसरी चीजों में भी गुड़ मिलाया जाता रहा है। यह महत्वपूर्ण है कि दुनिया का 70 प्रतिशत गुड़ भारत में ही होता है। आयुर्वेद में तो गुड़ के कई फायदे बताए गए हैं और इसे दवा के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता रहा है।

दरअसल, अच्छी क्वालिटी के गुड़ में 70 प्रतिशत तक सुक्रोज होता है जबकि सफेद चीनी में 99.7 प्रतिशत सुक्रोज होता है। सफेद चीनी में न तो प्रोटीन होता है न ही फैट, मिनरल्स या विटामिन। जबकि गुड़ में सुक्रोज, फ्रक्टोज व ग्लूकोज, प्रोटीन, पोटैशियम, मैग्नीशियम, कैल्शियम, मैग्नीज, फॉस्फोरस, आयरन, विटामिन A, विटामिन C विटामिन E मिलते हैं।

cg

दिलचस्प यह है कि कोई एक बार में 100 ग्राम गुड़ तो खा सकता है लेकिन आम तौर पर लोग एक चम्मच या 7 ग्राम से अधिक चीनी नहीं खा पाते। गुड़ को पचने में समय लगता है जबकि चीनी जल्दी पचती है। यह भी महत्वपूर्ण है कि गुड़ खाने के बाद शरीर को लंबे समय तक एनर्जी मिलती है जबकि चीनी खाने के कुछ देर बाद ही थकान महसूस होती है।

अधिक गुड़ खाना भी नुकसान देगा

वैज्ञानिक शोधों में यह प्रमाणित हो चुका है कि चीनी के मुकाबले गुड़ खाना स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। लेकिन गुड़ भी संतुलित मात्रा में ही खाना चाहिए। एक बार में सौ ग्राम गुड़ खाने से ही 340 कैलोरी ऊर्जा मिलती है। अधिक मात्रा में गुड़ खाने से वही नुकसान होता है जो अधिक चीनी खाने से होता है।

हो सकती हैं ये बीमारियां

अधिक चीनी खाने से मोटापा बढ़ता है। डायबिटीज और हृदय की बीमारियां होने का भी डर रहता है। ज्यादा मात्रा में गुड़ खाने से भी ये बीमारियांं हो सकती हैं।