राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ ब्लॉक के पटपर पूर्व माध्यमिक शाला का है जहां इस कोरोना काल में अभिवावक अपने बच्चों को अपनी ही जिम्मेदारी पर पढ़ने भेज रहे हैं
राजनांदगांव. बच्चे जिन्हें देश का भविष्य माना जाता है और बच्चों के भविष्य को संवारने की जिम्मेदारी स्कूल (School) में शिक्षकों के हाथो मे होती है. लेकिन इसे विडंबना ही मानें कि जिन शिक्षकों को भगवान का स्वरूप माना जाता है, उन्ही में से कुछ शिक्षकों गैर जिम्मेदाराना रवैए से पूरे शिक्षा विभाग पर सवालिया निशान खड़ा हो गया है. ताजा मामला छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ ब्लॉक के पटपर पूर्व माध्यमिक शाला का है. जहां इस कोरोना काल में बच्चों को अभिवावकों द्वारा अपनी जिम्मेदारी पर ही पढ़ने भेजा जा रहा है.. इसे स्कूल की नजरअंदाज़गी मानें या जान बुझ कर किया गया कृत्य माने की बच्चो को पढ़ाना छोड़ कर उनके हाथो मे रापा और कुदाली थमा दिया गया. बच्चे अपने शिक्षक के आदेश का पालन करते हुए घास साफ करते नजर आए.
प्रधान अध्यापक ने दिया गोलमोल ज़वाब
