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महापौर का चुनाव सीधे जनता द्वारा हो : पूर्व पार्षद महिन्द वर्धन पप्पू

 

सतना । गरीब सेना के मित्र व न० पा० नि० के पूर्व पार्षद महिन्द वर्धन पप्पू ने नगर पालिक निगम के महापौर, नगरपालिका व नगर परिषद के अध्यक्ष पदों का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से कराए जाने की मांग म० प्र० के महामहिम राज्यपाल व मुख्यमंत्री से की है ।

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पूर्व पार्षद महिन्द वर्धन सिद्धार्थ पप्पू ने कहा है कि नगर निगम का महापौर एवं नगर पालिका व नगर पंचायत के अध्यक्ष पदों के चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली यानी सीधे जनता द्वारा कराए जाने से महापौर व नगरीय निकायों के अध्यक्ष जनता के प्रति अधिक जवाबदार होते हैं । अप्रत्यक्ष प्रणाली से यानी पार्षदों द्वारा चुने गए महापौर व नगरीय निकाय अध्यक्ष जवाबदार नहीं होते बल्कि पार्षदों के प्रति ज्यादा जवाबदार होते हैं।

अप्रत्यक्ष प्राणाली द्वारा चुनाव में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार भी होता है और जनता के पसंद का महापौर और अध्यक्ष नहीं मिल पाता है । अप्रत्यक्ष प्रणाली के तहत राजनैतिक पार्टियां धनबल व बाहुबलियों को चुनाव लड़ाती है जो जनता से सीधे जुड़े नहीं होते हैं । बाहुबलियों के महापौर व अध्यक्ष बनने पर शहर व नगर का विकास भी अवरूद्ध होता है । जनता सीधे मुंह बात तक नहीं कर सकती है । क्योंकि पांच वर्ष का समय कुर्सी बचाने के लिए पार्षदों को पटा कर रखने में जाया हो जाता है । महापौर जैसे पद जो शहर के विकास में मील का पत्थर साबित होते है ,वो अप्रत्यक्ष प्रणाली द्वारा चुना गया महापौर शहर के लिए नासूर बन जाते हैं । पार्षदों द्वारा चुना गया महापौर का रवैया भेदभाव पूर्ण होता है । क्योंकि महापौर किसी वार्ड का पार्षद होता है । वह अपने वार्ड एवं साथी पार्षदों के वार्डों के विकास के प्रति ज्यादा ध्यान देता है ।

पूर्व पार्षद पप्पू ने कहा कि प्रत्यक्ष प्रणाली यानी सीधे जनता द्वारा चुनाव कराने से आम आदमी जो जमीनी स्तर का कार्य करता है , उसे भी महापौर व नगरीय निकायों के अध्यक्ष बनने का मौका मिल सकता है । जमीनी स्तर का कार्यकर्ता जनता के प्रति अधिक जवाबदार होता है एवं शहर व नगर का अच्छा विकास कर सकता है । जनता का दुःख दर्द समझ सकता है । जनता ऐसा महापौर पसंद करती है, जो उसकी समस्या बेहिचक किसी भी समय सुने और ईमानदारी से उसका निदान करने को तैयार रहे ।