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श्रीमद् भागवत महापुराण कथा में एक बार भगवान का नाम लेने से करोड़ों गुना पुण्य की प्राप्ति होती है

 

सतना 11मई रमाकांत गर्ग के निज निवास मारुति नगर में श्रीमद्भागवत महापुराण कथा व्यास राघवेंद्र त्रिपाठी महाराज जी ने द्वितीय दिवस की कथा श्रीसुखदेव जी महाराज आगमन कलयुग के प्रभाव से राजा परीक्षित को शमीक ऋषि के पुत्र श्रृंगी ऋषि ने श्रॉप दिया कि सातवें दिन तक्षक नामक नाग के काटने से मृत्यु हो जाएगी।
राजा परीक्षित राजपाट त्याग कर श्री सुखदेव जी महाराज के शरण में चले गए और मानव के मुक्ति के लिए उपाय बताएं
श्री सुखदेव जी महाराज ने राजा परीक्षित से कहा कि हे राजन श्रीमद् भागवत महापुराण सुनने से मनुष्य को मुक्ती की प्राप्ति हो जाती है।
कथा व्यास राघवेंद्र त्रिपाठी जी महाराज ने कहा कि अभिमान मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन है दक्ष प्रजापति को अभिमान हो गया और उसके भगवान भोलेनाथ का अपमान करने के कारण उसे अपना शरीर जागना पड़ा
श्रीमद् भागवत कथा में एक बार भगवान का नाम लेने से करोड़ों गुनाह पुण्य की प्राप्ति होती है।
आगे की कथा में कर्दम चरित्र का वर्णन करते हुए राघवेंद्र जी महाराज ने कहा कि जब कर्दम ऋषि ने भगवान नारायण की आराधना किया तो कपिल भगवान प्रकट हुए जो माता को भक्ति को ज्ञान दिए
*यह जो मन होता है यही बंधन का मार्ग और उद्धार है* इसलिए अपने अंतःकरण में भगवान नारायण का चिंतन करते रहना चाहिए।

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ध्रुव चरित्र की कथा का वर्णन किया श्रद्धालु भक्तजनों ने कथा रसपान किया।
*इनकी रही उपस्थिति*
शिव शरण गर्ग कमला गर्ग हरिशंकर गर्ग राम भगत गर्ग हरि नारायण गर्ग उमा नारायण गर्ग विद्याधर गर्ग दीपू गर्ग सिंधी गर्ग श्यामधर गर्ग राजेश गर्ग लालू गर्ग शशिधर गर्ग राजभर गर्ग कामता बृजेश सुरेंद्र मनोज रामकिंकर नीलेश गर्ग नरेंद्र जयसवाल राजेश त्रिपाठी नीलू एवं भक्तजन उपस्थित होकर पुण्य लाभ अर्जित किया।