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वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी परिवहन आयुक्त दीपांशु काबरा के अधिकार में हो रहा अतिक्रमण

 

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    • क्या सचिव पद का दुरुपयोग करने पर होगी कार्यवाही
    • अतिक्रमण करने वाले और कोई नहीं बल्कि क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय दुर्ग के अधिकारी अनुभव शर्मा और परिवहन निरीक्षक विकास शर्मा
    • अगर हमारे साक्ष्य  में है गड़बड़ी तो वे शपथपत्र देकर जा सकते है न्यायालय ,खुली चुनौती 

    दुर्ग।  दबंग प्रहरी के प्रधान संपादक राकेश तम्बोली के द्वारा दुर्ग क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय जो पहले में अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय हुआ करता था, उस समय और से लेकर आज तक इस कार्यालय में हुए गंभीर भ्रष्टाचार के सबूत पेश करते हुए और संबंधित कार्यालय से लेकर परिवहन मुख्यालय तक लिखित रूप में शिकायत की गई थी लेकिन सालों से जैसे इस विभाग के उच्च अधिकारियों ने कसम खा ली है अपने विभाग के अधिकारियों के संरक्षण के लिए। बहरहाल नतीजा यह रहा कि किसी भी मामले में परिवहन मुख्यालय न्याय नहीं कर पाया है यानी सीधे-सीधे हुए अपने विभाग के नियमों कानूनों की धज्जियां उड़ते देख रहे हैं यह पसंद है उनको या नहीं हम नहीं कह सकते लेकिन जैसा है हमने बताया है।
    वर्तमान में छत्तीसगढ़ परिवहन आयुक्त के दायित्व को संभालने वाले छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी दीपांशु काबरा वो तो अपने कार्यप्रणाली और न्याय प्रणाली के जरिए बखूबी जनता के सामने जाने जाते हैं। अब हम उनके सामने इस खबर के माध्यम से शिकायत प्रस्तुत कर रहे हैं मामला यह है कि दुर्ग में क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार भंग हुए कई माह बीत गए हैं लेकिन यह भ्रष्टाचार इतना गहराई तक जा चुका है । हम यहां परमिट के दस्तावेज को साक्ष्य के रूप में  कर रहे हैं जिसमें क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार दुर्ग के सचिव का सील  यानी पदमुद्रा  लगा हुआ है जिस पर दुर्ग के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी अनुभव शर्मा और परिवहन निरीक्षक विकास शर्मा ने अपने हस्ताक्षर किए हैं क्या यह सच है,ऐसा करने का अधिकार आखिर उन्हें दिया ही कौन है |

    रायपुर परिवहन मुख्यालय के परिवहन आयुक्त और छत्तीसगढ़ परिवहन प्राधिकार के सचिव महोदय जो दीपांशु काबरा हैं क्या उन्होंने अपने बदले किसी प्रपत्र पर सचिव पर जिसमें क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार दुर्ग के ऊपर हस्ताक्षर करने की यानी इस पद मुद्रा के आधार पर कोई पत्र दुर्ग क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय को जारी करने की अनुमति दी है अगर हां तो हम ऊपर समस्त लिखी बातों पर खेद व्यक्त करते हैं और अपनी गलती मानते हैं लेकिन अगर माननीय परिवहन आयुक्त ने सचिव पद मुद्रा क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार दुर्ग छत्तीसगढ़ के मुहर पर किसी को उपयोग करने को नहीं कहा है और फिर भी इस पद मुद्रा का उपयोग किया गया है तो आशा है कि वे तुरंत इस पर कार्यवाही करेंगे।
     क्या यह सच है क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी अनुभव शर्मा है पद के अनुपयुक्त

    हमने लगभग आठ नौ महीने पूर्व दुर्ग क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी जो राजस्व तहसीलदार होते हुए उस  विभाग से स्थानांतरित होकर दुर्ग में क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी बनकर आए हैं यही कारण है कि वे अपने वर्तमान पद क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी से न्याय नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि उनको इस कार्य में उनको किसी भी प्रकार का अनुभव ही नहीं है ,नतीजा यह है कि उनके कार्यकाल के दौरान लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस बनाने में फर्जीवाड़ा किए जाने की शिकायत लिखित रूप में की थी।नतीजा आज भी इंतज़ार कर रहा है। 

    परिवहन निरीक्षक विकास शर्मा डूबे हुए है गड़बड़ झाले करने में

    जी हां यह विकास शर्मा जो कुछ माह पूर्व पदोन्नत होकर अपने वर्तमान पद पर आए हैं इससे वे उप निरीक्षक पद पर पहले आसीन थे। जी हां परिवहन विभाग रोटेशन के तहत हर छह माह में रोटेशन के तहत स्थानांतरण किया जाता है लेकिन वे कई महीनों से दुर्ग में डटे हुए हैं, अगर उनका स्थानांतरण रेफर कर दिया जाता है फिर भी वह दुर्ग में अटैच हो जाते हैं कभी उन्हें दुर्ग संभाग उड़नदस्ता प्रभारी के पद पर दिया जाता है तभी वहां का पद संभालते हुए दुर्ग में आकर डर जाते हैं। ऐसा क्यों आगे कौन सी सेटिंग है जो भी दुर्ग छोड़कर जाना ही नहीं चाहते ।

      गलत तरीके से हुई है विकास शर्मा की पदोन्नति
    जी हां इस बात में पूरी तरह सच्चाई है पूर्व में परिवहन मुख्यालय द्वारा कई प्रकार के जांच करने के आदेश दुर्ग अतिरिक्त परिवहन कार्यालय को दिया गया था। जहां के अधिकारी अतुल विश्वकर्मा ऐसा एक नहीं तीन बार हो चुका है या नहीं परिवहन मुख्यालय के आदेश की खिल्ली खुलेआम विकास शर्मा ने उड़ाई है ।फिर भी पता नहीं क्या सेटिंग उन्होंने अतुल विश्वकर्मा के साथ की थी की अतुल विश्वकर्मा द्वारा विकास शर्मा को मामले में जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने को कहा गया लेकिन उन्होंने प्रस्तुत नहीं किया फिर भी कोई कार्यवाही नहीं की।
    अतुल विश्वकर्मा ऐसा एक नहीं तीन बार हो चुका है या नहीं परिवहन मुख्यालय के आदेश की खिल्ली खुलेआम विकास शर्मा ने उड़ाई है। फिर भी पता नहीं क्या सेटिंग उन्होंने अतुल विश्वकर्मा के साथ की थी ? कि अतुल विश्वकर्मा ने उनके सर्विस रिकॉर्ड पर किसी भी प्रकार की अनुशासनहीनता का उल्लेख नहीं किया ।क्या अपने मुख्यालय के आदेश का अवहेलना करना अनुशासनहीनता नहीं कहलाता अगर कहलाता है तो कार्यवाही होनी ही चाहिए। नतीजा निकला कि इस लापरवाह विकास शर्मा को पदोन्नति मिल ही गई।

        क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी और परिवहन निरीक्षक कर रहे दुर्ग आरटीओ को बर्बाद 

    क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय दुर्ग में गड़बड़ियों का साक्ष्य रख कर शिकायत की गई है लेकिन कई माह बाद भी आरोपी खुले घूम रहे है 

    पहला मामला आया है  लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस बनाने का 

    लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस बनाने का शाखा प्रभारी तत्कालीन प्रभा तिवारी थी जो उस दिन अवकाश पर थी और उनकी आईडी से ही जिसका उपयोग में अपने कार्यालय में रहते हुए ही कर सकती थी उस आईडी का उपयोग किसी व्यक्ति के लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए किया गया यह मामला इतना गंभीर है कि बिना ऑफिस आए कोई व्यक्ति कैसे किसी व्यक्ति का लाइसेंस बना सकता है जबकि उन्हें कंप्यूटर में टेस्ट लेना पड़ता है यह मामला बहुत ही गंभीर संवेदनशील है इसकी पुख्ता जानकारी हमने क्षेत्रीय वन अधिकारी अनुभव शर्मा को दी थी लेकिन कई माह बीत जाने के बाद आज दिनांक तक उस पर किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गई है नतीजा यह है कि जिस प्रभात तिवारी के आई डी से फर्जीवाड़ा हुआ है इसमें वे दोषी है या नहीं यह तो पुलिस ही बता पाएगी लेकिन उस महिला क्लर्क का प्रमोशन वर्तमान में हो चुका है अगरमामला सामने आता तो नज़ारा कुछ दूसरा ही होता ।

      दूसरा मामला है स्थाई ड्राइविंग लाइसेंस का

    जी हां इस साइड ड्राइविंग लाइसेंस के मुख्य प्रपत्र पर परिवहन निरीक्षक द्वारा स्वयं ड्राइविंग टेस्ट लेने के बाद ही रिजल्ट लिखे जाते हैं जिसके आधार पर यदि पास में तो लाइसेंस जारी होता है ।यह मामला भी बहुत गंभीर है इस मामले के शाखा प्रभारी तत्कालीन श्रीमती चेतना नागदेवे ने परिवहन निरीक्षक को धोखे में रखकर उनके बदला ड्राइविंग टेस्ट लिया और स्वयं ही शासकीय प्रपत्र पर अपने हस्ताक्षर भी किए। इस बात के प्रमाण हमने क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी अनुभव शर्मा को दिया इस बात को भी वे बचा कर बैठ गए हैं। दूसरे शब्दों में मामला दबा कर बैठे हैं पता नहीं क्यों वह अपने वर्तमान के विभाग के ऊपर न्याय नहीं कर पा रहे हैं।
            मामला जो भी हो जिस प्रकार से क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी अनुभव शर्मा ने प्रत्यक्ष रूप से प्रमाणित सबूत मिलने के बाद भी अपने कार्यालय के दो कर्मचारियों जो कि महिला है उन पर जांच ना करवा कर बहुत ही अन्याय यानी विभाग के प्रति अनुशासनहीनता की है ।क्या इन्होंने इस शिकायतों की जानकारी अपने परिवार मुख्यालय को दी थी नहीं तो आखिर क्यों?
             तुरंत होनी चाहिए मामले में पुलिस एफ आई आर
     जिस प्रकार मामले में यानी बिना शासकीय कार्यालय में उपस्थित रहते हुए शासकीय व्यक्ति के आईडी से किसी अन्य के द्वारा ड्राइविंग लाइसेंस जारी किया जाता है यह मामला बहुत ही गंभीर है इस तरीके से यानी किसी दूसरी के आईडी का दूसरी व्यक्ति द्वारा प्रयोग किया जाना बहुत ही गंभीर मामला है जिसे पूर्व के अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय के तात्कालिक अधिकारी पुलक भट्टाचार्य ने बहुत गंभीर माना है और इस मामले को तुरंत पुलिस में FIR करने के निर्देश दिए और मामला एफ FIR हो चुका है जिसमें कार्यवाही भी हो चुकी है। लेकिन अत्रि क्षेत्रीय परिवहन से ऊपर वरिष्ठ अधिकारी क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी अनुभव शर्मा द्वारा इस गंभीर मामले को इतने महीनों तक दबाकर रखना और उस पर सीधे पुलिस कार्यवाही ना कर यह कहा जाना कि मुख्यालय जांच कर भेजेंगे तो क्या उनकी अधिकार इतनी सीमित है कि उनको अपने अधिकार का ज्ञान ही नहीं है ।