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अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई लाखों की ठगी मामले की जाँच के लिए पंहुची इंदौर

इंदौर। अमेरिकी लोगों से ठगी के मामले की जांच करने अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई इंदौर पहुंची. टीम वहां ठगी का शिकार हुए लोगों से सबूत और उनके बयान लेकर आई थी। एफबीआई और इंदौर पुलिस ठगों को सजा दिलाने की एक साथ कोशिश कर रही हैं। दरअसल लगभग दो साल पहले इंदौर क्राइम ब्रांच ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया था, जो विदेशी नागरिकों से ठगी करते थे। आरोपी तकनीकी और अंग्रेजी भाषा का इस्तेमाल कर उन्हें अपने जाल में फंसाते थे।

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जानकारी के मुताबिक, ठग विदेशी नागरिकों को उनके सिक्युरिटी नंबर बंद होने का हवाला देते थे और उसे दोबारा इस्टेब्लिश करने के नाम पर अहम जानकारी जुटा लेते थे। उसके बाद उनके बैंक खातों को खाली कर देते थे। इसकी सूचना मिलते ही पुलिस ने इस गिरोह का भंडाफोड़ किया था। पुलिस ने कॉल सेंटर से करीब 19 लोगो को गिरफ्तार किया था. इनमें युवतियां भी शामिल थीं।यह कॉल सेंटर अमेरिकी नागरिकों को ड्रग्स, ट्रैफिक उल्लंघन, बैंक फ्रॉड और अन्य आपराधिक प्रकरणों में फंसाने की धमकी देकर करोड़ों रुपए ऐंठता था. बताया जा रहा है कि इस कॉल सेंटर का मालिक गुजरात का रहने वाला करण भट्ट है. हालांकि, मुख्य सरगना अभी भी पुलिस गिरफ्त से बाहर है।

पुलिस को मिला था दस लाख अमेरिकियों का डाटा

बता दें, पुलिस ने नवंबर 2020 में लसूड़िया क्षेत्र के फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर पर छापा मारा था। इसके कर्मचारी खुद को सोशल सिक्योरिटी कार्ड डिपार्टमेंट का अफसर बताकर अमेरिकी नागरिकों से रुपये वसूलते थे। पुलिस ने आरोपियों के लैपटॉप,  कंप्यूटर की जांच की तो 10 लाख से ज्यादा अमेरिकी नागरिकों का डेटा मिला था। पुलिस ने उस वक्त आरोपियों को गिरफ्तार कर जब उनसे सख्ती से पूछताछ की थी तो आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया था।

ऐसे करते थे ठगी

आरोपियों ने पूछताछ में पुलिस को बताया था कि उन्हें खास शब्दों को किस तरह इस्तेमाल करना है, इसकी ट्रेनिगं दी जाती है। उन्हें डेटा उपलब्ध करवाया जाता है।वे एक खास एप्लीकेशन का इस्तेमाल करते हैं, ताकि विदेश में बैठे लोगों को इस बात की भनक तक न लगे की वह भारतीय कॉल सेंटर से किसी से बात कर रहे है। उन्हें अहसास होता था कि विदेश में ही किसी कोने में बैठकर ही कोई बड़ा अधिकारी उनसे फोन पर बात कर रहा है।आरोपियों ने कबूल किया था कि वह प्रतिदिन लाखो रूपये कमाते हैं और यह राशि ठगी की ही होती थी।

इंदौर क्राइम ब्रांच ने लिया था बड़ा एक्शन- कमिश्नर

कमिश्नर इंदौर हरिनारायण चारी मिश्रा के मुताबिक लगभग डेढ़ दो साल पहले इंदौर क्राइम ब्रांच ने एक बड़ी कार्रवाई की थी। इसमें फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया था, गिरोह विदेशी नागरिको के साथ ठगी करता था। गोपनीय सुचना मिलने के बाद इंदौर क्राइम ब्रांच ने यह एक्शन लिया था। उस समय विदेशी जांच एजेंसी एफबीआई को जानकारी साझा की थी। उसी सिलसिले में एफबीआई टीम इंदौर पहुंची थी। एफबीआई टीम ने इंदौर पुलिस को धन्यवाद भी कहा कि उनकी कार्रवाई के बाद अमेरिकी नागरिक ठगी के शिकार होने से बच गए और उनका डाटा भी सुरक्षित हो गया।