चेन्नई। तमिलनाडु के चिदंबरम मंदिर के कई पुजारियों के खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के तहत मामला दर्ज किया गया है. इन पुजारियों पर अनुसूचित जाति की एक महिला को मंदिर के अंदर मौजूद प्लेटफॉर्म पर पूजा करने से रोकने के आरोप हैं। खास बात है कि इससे पहले भी मंदिर में इस तरह के मामले सामने आते रहे हैं।

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, घटना 15 फरवरी, मंगलवार की है।यहां दीक्षितार कहे जाने वाले पुजारियों ने जयशीला नाम की महिला को ‘कनगसबई मेदई’ (प्लेटफॉर्म) पर जाने से रोका। मामले के कुछ वीडियो भी सामने आए हैं, जिनमें देखा जा रहा है कि जब महिला ने प्लेटफॉर्म पर जाने की कोशिश की, तो पुजारियों ने उन्हें घेर लिया और नाराजगी जाहिर की।

रिपोर्ट के मुताबिक, वीडियो में यह भी नजर आ रहा है कि पुजारी ने महिला को हाथ से खींचने की भी कोशिश की। हालात इतने खराब हुए कि पुलिस को मौके पर पहुंचना पड़ा। इस पूरी घटना को लेकर जयशीला ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें कहा गया है कि उन्हें धमकाया गया और पुजारियों ने उनपर पात्र चुराने का झूठा आरोप भी लगाया है। जयशीला की शिकायत के आधार पर पुलिस ने 20 पुजारियों के खिलाफ SC/ST एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है। इससे पहले भी गणेश नाम के एक दीक्षितार ने भी प्लेटफॉर्म पर जाकर पूजा का प्रयास किया था, जिसके बाद मंदिर में उनके प्रवेश पर रोक लगा दी गई।
रिपोर्ट के अनुसार, जयशीला के साथ मंदिर पहुंचे एक पुजारी दर्शन ने भी अपना विरोध दर्ज कराया है।उन्होंने कहा कि प्लेटफॉर्म पर श्रद्धालुओं को पूजा की अनुमति नहीं देना गलत है और यह मंदिर के सिद्धांतों के खिलाफ है।उन्होंने यह भी बताया कि चिदंबरम नटराजन मंदिर में कई अनियमितताएं देखी जा रही हैं. हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग के तहत रहे इस मंदिर को AIADMK की पिछली सरकार में पुजारियों को लौटा दिया गया था।